iGrain India - राजकोट । चालू वर्ष के दौरान जीरा के घरेलू बाजार भाव में लगभग दोगुनी बढ़ोत्तरी हो गई जिससे उत्पादकों को शानदार उत्पादन प्राप्त हो रहा है।
आगामी रबी सीजन में किसानों को जीरा का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का भारी प्रोत्साहन मिलेगा और वे इसके क्षेत्रफल को दोगुने ऊंचे स्तर पर पहुंचाने का गंभीर प्रयास कर सकते हैं।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार दीपावली तक जीरा का घरेलू बाजार भाव एक निश्चित दायरे में घूमता रह सकता है और उसके बाद जब बिजाई का विवरण सामने आने लगेगा तब कीमतों में बदलाव का माहौल बन सकता है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार दीपावली तक जीरा का दाम 60,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास या इससे कुछ ऊपर रह सकता है जो उत्पादकों के लिए अत्यन्त आकर्षक होगा। इसके फलस्वरूप इस महत्वपूर्ण मसाले के उत्पादन क्षेत्र में कम से कम दोगुना इजाफा होने के आसार हैं।
जीरा के मूल्य में आगे जोरदार बढ़ोत्तरी नहीं होने का एक कारण यह है कि विदेशों से इसका आयात शुरू हो गया है। मूल्य संवर्धित उत्पाद के रूप में पुनर्निर्यात उद्देश्य के लिए जीरा का आयात किया जा रहा जबकि सीरिया, तुर्की एवं ईरान का सस्ता जीरा भी वैश्विक बाजार में पहुंच चुका है जिससे महंगे भारतीय जीरे की निर्यात मांग कमजोर पड़ने के संकेत मिलने लगे हैं। वैसे शीघ्र ही त्यौहारी सीजन आरंभ होने वाला है जिससे इसकी मांग मजबूत रहने की संभावना है।
ऊंझा चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि जब तक अगले रबी सीजन में फसल की बिजाई, प्रगति एवं पैदावार का स्पष्ट संकेत मिलेगा और मंडियों में नए माल की आवक शुरू नहीं होगी तब तक जीरा के दाम में नरमी का रुख बनना मुश्किल लगता है।
वर्तमान समय में जीरा का भाव लचीला नहीं बल्कि ठोस रूप में है। कीमत एक बार बढ़ती है तो इसमें गिरावट का द्वार बंद हो जाता है। होली पर्व से पूर्व इसकी नई फसल की आवक शुरू होना मुश्किल लगता है लेकिन मौजूदा परिदृश्य से प्रतीत होता है कि इस वर्ष जीरा का अनुमान क्षेत्र सामान्य औसत क्षेत्रफल की तुलना में कम से कम दोगुना ऊंचा रह सकता है।
कीमतों का स्तर काफी ऊंचा होने से जीरा में कारोबार सुस्त पड़ गया है। कोई नहीं जानता है कि आगे इसका भाव कहां तक पहुंचेगा। बाजार में दुविधा की स्थिति बनी हुई है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टैक होल्डर्स (फिस्स) के संस्थापक चेयरमैन का कहना है कि कम से कम नवम्बर तक जीरा के दाम में तेजी-मजबूती का रुख बरकरार रह सकता है।