iGrain India - मुम्बई । घरेलू उत्पादन कम होने से इस वर्ष न केवल जीरा का भाव उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। बल्कि विदेशों से इसका आयात भी बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में जीरा का सबसे प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है।
पिछले कुछ सप्ताहों से जीरा का वायदा भाव 65,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा था। अक्टूबर अनुबंध के लिए 14 अगस्त को जीरा का वायदा मूल्य गिरकर 63,200 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
कृषि मंत्रालय की एक यूनिट-एगमार्कनेट के आंकड़ों से पता चलता है कि 14 अगस्त को गुजरात के उंझा कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के परिसर में जीरा का मॉडल मूल्य 57,500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था।
उल्लेखनीय है कि मॉडल मूल्य वह भाव होता है जिस पर सर्वाधिक कारोबार किया जाता है। चालू माह के आरंभ से वहां जीरा का दाम 57,000 रुपए से लेकर 58,500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार चालू माह के दौरान बाजार में मुनाफावसूली का जोर रह सकता हैं जिससे कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव आने की संभावना है।
इससे जीरा की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है क्योंकि बड़े-बड़े उत्पादक कम दाम पर अपना माल बेचने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखायेंगे। वैसे भी चालू वर्ष के दौरान कमजोर उत्पादन के साथ-साथ जीरा का पिछला बकाया स्टॉक भी सीमित है इसलिए आगामी समय में यदि आवक कम हो जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। प्रीमियम क्वालिटी वाले जीरे का स्टॉक बहुत कम बचा है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टैक होल्डर्स (फिस्स) के संस्थापक चेयरमैन का कहना है कि भारत में फिलहाल, तुर्की, सीरिया एवं ईरान से जीरा का आयात किया जा रहा है और घरेलू प्रभाग में मूल्य संवर्धित उत्पादों के निर्यात के लिए इसकी प्रोसेसिंग हो रही है।
बाद में उन उत्पादों का विदेशों में निर्यात किया जाएगा। एडवांस लाइसेंसिंग स्कीम के तहत जीरा मंगाया जा रहा है। खुले सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के तहत जीरा का आयात करना आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद साबित नहीं होगा क्योंकि इस पर 33 प्रतिशत का भारी-भरकम सीमा शुल्क लगा हुआ है।
लेकिन विदेशों से आयातित जीरा की वजह से प्रोसेसिंग उद्देश्य के लिए स्वदेशी जीरा की मांग कमजोर पड़ने की आशंका है। इसके फलस्वरूप कीमतों में ज्यादा उछाल आना मुश्किल लगता है। हालांकि अगले सीजन में जीरा का बिजाई क्षेत्र दोगुना बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है मगर इसे ईसबगोल से चुनौती मिल सकती है।