iGrain India - रायपुर । सरकारी सहयोग- समर्थन एवं प्रोत्साहन के सहारे छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 20 क्विंटल तक धान खरीदा जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये जा चुके हैं।
धान खरीद की ठोस अवस्था करने के लिए बारदाने (बोरियों) का समुचित प्रबंध किया जा रहा है। छोटे अनुमान के अनुसार धान की खरीद एवं पैकिंग के लिए करीब 7.50 लाख गांठ बारदाने की आवश्यकता पड़ेगी।
इसकी पैकिंग में नए एवं पुराने-दोनों तरह के बारदाने का उपयोग किया जाएगा। सरकार ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान राज्य में करीब 125 लाख टन धान की खरीद का अनुमान लगाया है।
प्रत्येक पंजीकृत किसान से 20 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदा जाएगा जिससे कृषक समुदाय को अपना लगभग सम्पूर्ण विपणन योग्य धान का स्टॉक बेचने में सफलता मिल सकती है।
चूंकि छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है इसलिए राज्य सरकार किसानों को खुश रखने का हर संभव प्रयास करेगी।
पिछले दिनों राज्य कैबिनेट की एक उप समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी जिसमें आगामी खरीफ मार्केटंग सीजन (2023-24) के दौरान किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का की खरीद किसानों के रजिस्ट्रेशन, बोरियों की व्यवस्था एवं धनराशि के प्रबंध आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चूंकि चालू वर्ष के दौरान राज्य में किसानों से विशाल मात्रा में धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है इसलिए सहकारी समितियों के क्षमता विस्तार पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
धान खरीद के लिए राज्य में क्रय केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर 2617 कर दी गई है। हालांकि धान की फसल की कटाई-तैयारी में अभी काफी देर है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इसकी खरीद का प्रबंध कर दिया है ताकि सीजन के दौरान किसानों को अपना माल बेचने में कोई कठिनाई न हो।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ में 24.96 लाख किसानों ने धान की बिक्री के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था जिसके लिए कुल रकबा 32.15 लाख हेक्टेयर बैठा था। राज्य में कुल 107.53 लाख टन धान की सरकारी खरीद की गई थी। इस बार 125 लाख टन धान की खरीद होने का अनुमान है इसलिए सरकार को अपनी व्यवस्था बढ़ाने की आवश्यकता पड़ेगी।