iGrain India - नई दिल्ली । हाल के महीनों में जीरा, हल्दी एवं धनिया तथा कालीमिर्च सहित कई अन्य मसालों के घरेलू बाजार भाव में काफी अच्छी तेजी आई है। छोटी इलायची का दाम भी ऊंचा हुआ है।
पिछले रबी सीजन के दौरान फसल की कटाई-तैयारी के दौरान एवं इससे कुछ पहले भी प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में हुई भारी बेमौसमी वर्षा से खासकर जीरा एवं धनिया की फसल प्रभावित हुई थी। दूसरी ओर इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग काफी मजबूत बनी रही।
इसके फलस्वरूप मसालों में खुदरा महंगाई की दर जून के 19.9 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई में 2.63 प्रतिशत पर पहुंच गई। व्यापार विश्लेषकों के अनुसार मसालों का भाव अगले साल के आरंभ तक ऊंचा एवं तेज रहने की संभावना है क्योंकि नवम्बर तक त्यौहारों का सीजन रहेगा और कम उत्पादन होने से स्टॉक भी सीमित रहेगा। चालू वर्ष के आरंभ से ही मसालों की महंगाई दर दोहरे अंकों में चल रही है।
इसके तहत खासकर जीरा का दाम इस वर्ष जनवरी से ही बढ़ रहा है क्योंकि इसके उत्पादन में कमी आ गई और इसका पिछला बकाया स्टॉक भी सीमित था।
गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित सबसे प्रमुख उत्पादक मंडी- ऊंझा में जीरा का मूल्य पिछले दिन 57,625 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जबकि एक वर्ष वहां इसका दाम 30,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा था। इस तरह जीरा के दाम में पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष जुलाई में करीब 100 प्रतिशत का इजाफा हो गया।
ऊंझा एपीएससी के चेयरमैन का कहना है कि इस वर्ष फसल कटाई के समय हुई बेमौसमी बर्षा से गुजरात एवं राजस्थान में जीरे की फसल प्रभावित हुई इसलिए अगली नई फसल की आवक शुरू होने तक इसका भाव ऊंचे स्तर पर ही बरकरार रहने की संभावना है।
इसका वायदा मूल्य भी उछलकर 60,000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच चुका है और निकट भविष्य में ज्यादा नरम नहीं पड़ेगा।
जहां तक हल्दी का सवाल है तो उसका भाव अप्रैल में महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं तमिलनाडु में करीब 7000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जो अब उछलकर 16000 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया है।
समझा जाता है कि अप्रैल-मई की असामयिक वर्षा से इसके उत्पादन पर असर पड़ा और फिर मानसून की आवक देर से होने के कारण नई फसल की बिजाई लेट हो गई।
इरोड के एक व्यापारी का कहना है कि महाराष्ट्र में बेमौसमी वर्षा से हल्दी का उत्पादन प्रभावित हुआ था। उसका कहना है कि हल्दी की अगली नई फसल की कटाई-तैयारी का सीजन मार्च 2024 में आरंभ होगा और तब तक यदि इसका बाजार भाव उछलकर 18000-19000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। हल्दी का वायदा भाव दिसम्बर डिलीवरी के लिए 16,980 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच चुका है।