iGrain India - आयात शुरू हो जाने से जीरा मंदा : अभी तेजी की संभावना नहीं
नई दिल्ली। चालू सप्ताह जीरा की कीमतों में मंदे का रुख रहा। वर्तमान हालात को देखते हुए अभी हाल-फिलहाल तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि आगामी दिनों से चीन से आयात बढ़ेगा। जिस कारण से अभी बाजार दबे रहेंगे।
सूत्रों का कहना है कि हालांकि उत्पादन केन्द्रों पर जीरे का स्टॉक कम है लेकिन आयात शुरू हो जाने के कारण गत सप्ताह कीमतों में गिरावट बनी रही। हाजिर के अलावा वायदा बाजार में भी जीरे के भाव मंदे के साथ बोले गए।
कीमतों में गिरावट
उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक की कमी के चलते मंडियों में जीरे की आवक सीमित रही। लेकिन आयात के कारण हाजिर में जीरे का उठाव प्रभावित हुआ है।
जिस कारण ऊंझा मंडी में जीरे का भाव सप्ताह के अंत में क्वालिटीनुसार 500/580 रुपए प्रति किलो पर आ गया। जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 525/600 रुपए प्रति किलो खुला था।
राजस्थान की जोधपुर मंडी में भी भाव चालू सप्ताह के दौरान 20 रुपए प्रति किलो मंदे के साथ 500/570 रुपए पर बोले गए। मेड़ता सिटी मंडी में जीरे का भाव 520/580 रुपए से नरमी के साथ सप्ताह के अंत में 500/565 रुपए पर बोला जा रहा था।
कमजोर मांग एवं वायदा में गिरती कीमतों के कारण खपत केन्द्रों पर भी जीरे के भाव 20/25 रुपए प्रति किलो मंदे के साथ बोले गए।
आयात
उल्लेखनीय है कि देश में जीरे की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण गत दिनों आयातकों में चीन से लगभग 200 कंटेनर जीरा आयात के सौदे 5600/5800 डॉलर प्रति टन पर किए थे।
जिनकी डिलीवरी शुरू हो गई है। सूना गया है कि अभी तक 50/60 कंटेनर जीरा भारतीय बाजार में पहुंच चुका है और भाव 550/555 रुपए बोला जा रहा है।
बाकी माल आगामी दिनों में भारतीय बंदरगाहों पर उतरने वाला है जिस कारण से हाल फिलहाल जीरा की कीमतों में अधिक तेजी के चांस नहीं है। सस्ते आयात के चलते अभी बाजार दबे रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
अक्टूबर में बढ़ सकते हैं भाव
कारोबारियों का मानना है कि अक्टूबर माह में जीरे की कीमतों में तेजी आ सकती है। क्योंकि आयातित माल की डिलीवरी 15/20 सितम्बर तक हो जाएगी। तत्पचात जीरे का रि एक्सपोर्ट किया जाएगा। उस स्थिति में जीरे की कीमतों में फिर तेजी आ सकती है।
क्योंकि भारतीय बाजारों में जीरे का स्टॉक काफी कम है। और नई फसल आने में अभी 4/5 माह का समय शेष है। वर्तमान में उत्पादन केन्द्रों की मंडियों पर जीरे का स्टॉक 15/18 लाख बोरी माना जा रहा है। जबकि नई फसल आने तक खपत लगभग 20/22 लाख बोरी की रहेगी।
बढ़ेगी बिजाई
चालू सीजन के दौरान जीरे की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण उत्पादक राज्यों में इस वर्ष जीरे की बिजाई में अवश्य ही वृद्धि होनी है। बशर्ते बिजाई बढ़ने के पश्चात मौसम फसल के अनुकूल रहे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में जीरे की बिजाई 7.73 लाख हेक्टेयर पर की गई थी जबकि वर्ष 2022 में बिजाई का क्षेत्रफल 6.85 लाख हेक्टेयर रहा था। सूत्रों का मानना है कि वर्ष 2024 के लिए उत्पादक केन्द्रों पर जीरे की बिजाई दोगुणा से अधिक हो सकती है।
निर्यात
गत दिनों चायना एवं बांग्लादेश की अच्छी मांग बनी रहने के कारण वर्ष 2023-24 के प्रथम तीन माह अप्रैल-जून में जीरे का निर्यात बढ़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-जून 2022 में जीरे का निर्यात 47191 टन का रहा था जोकि अप्रैल जून 2023 में बढ़कर 53400 टन का रहा।
मगर जुलाई-अगस्त माह में निर्यातकों की लिवाली सीमित रह जाने से वर्तमान में निर्यात घटने के समाचार है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान जीरे का निर्यात गत वर्ष की तुलना में कम रहेगा। क्योंकि भाव काफी ऊंचे चल रहे है। प्राप्त जानकारों के अनुसार वर्ष 2022-23 में जीरे का कुल निर्यात 186508 टन का रहा था।