iGrain India - शंघाई । चीन में आर्थिक मंदी के संकेत मिल रहे हैं लेकिन कृषि एवं खाद्य उत्पादों के आयात में गिरावट नहीं आ रही है। जुलाई में वहां सोयाबीन का आयात बढ़कर 97 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक रहा।
कनाडा के निर्यातकों का कहना है कि चीन की कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था कनाडाई कृषि उत्पादों के निर्यातकों के लिए कोई खास चिंता का विषय नहीं है।
यद्यपि चीन एक महत्वपूर्ण बाजार है जो कनाडा से खासकर विशाल मात्रा में गेहूं, कैनोला एवं मटर आदि का आयात करता है लेकिन कनाडाई कृषि उत्पादों के लिए कई अन्य प्रमुख बाजार भी उपलब्ध हैं।
ज्ञात हो कि अमरीका के बाद चीन ही कनाडाई कृषि उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। यद्यपि कनाडा से चीन को वर्ष 2019 से 2022 तक कृषि उत्पादों के निर्यात में कुछ कमी आ गई जब राजनैतिक विवाद के कारण वहां कैनोला के निर्यात में भारी बाधा उत्पन्न हो गई थी।
उससे पूर्व चीन कनाडाई कैनोला का सबसे प्रमुख खरीदार बना हुआ था। एक समीक्षक के अनुसार चीन की अर्थ व्यवस्था का विकास काफी धीमी गति से हो रहा है जिससे वहां गैर कृषि उत्पादों का आयात प्रभावित होने की आशंका है मगर कृषि एवं खाद्य उत्पादों का आयात नियमित रूप से जारी रहने की उम्मीद है।
पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान चीन से कुल निर्यात में 14.5 प्रतिशत की गिरावट जुलाई में दर्ज की गई जबकि चीन में आयात भी 12.4 प्रतिशत घट गया। लेकिन इसमें कृषि उत्पादों के आयात का प्रदर्शन बेहतर रहा।
चालू वर्ष के आरंभिक सात महीनों में यानी जनवरी से जुलाई 2023 के दौरान चीन में सोयाबीन का कुल आयात बढ़कर 623 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के सकल आयात से 15 प्रतिशत अधिक रहा।
इसी तरह समीक्षाधीन अवधि में वहां खाद्य तेलों के आयात में 119 प्रतिशत का जबरदस्त इजाफा हो गया। समीक्षकों का कहना है कि आर्थिक मंदी हो या न हो, चीन को अपनी आंतरिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विदेशों से विशाल मात्रा में खाद्यान्न एवं तिलहन-तेल आदि का आयात जारी रखना ही पड़ेगा।