iGrain India - मुम्बई । द्विपक्षीय व्यापार संवर्धन के लिए गठबंधन बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय तिलहन-तेल उद्योग एवं आयात क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने थाई पाम ऑयल क्रशिंग मिल्स एसोसिएशन के साथ आपसी सहमति का एक समझौता (एमओयू) का फैसला किया है जिसका उद्देश्य भारतीय आयातकों एवं रिफाइनर्स तथा थाईलैंड के क्रूड पाम तेल उत्पादकों एवं निर्यातकों के बीच सहयोग तथा पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यापारिक अवसर बढ़ाना है।
ध्यान देने की बात है कि भारत परम्पारागत रूप से इंडोनेशिया एवं मलेशिया से सर्वाधिक पाम तेल का आयात करता है लेकिन हाल के वर्षों में यहां थाईलैंड से भी इसके आयात में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
भारत में 140 लाख टन से अधिक वनस्पति तेलों का वर्षिक आयात होता है जिसमें पाम तेल की भागीदारी 80-85 लाख टन के करीब रहती है। थाइलैंड में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का सालाना उत्पादन बढ़कर 32-35 लाख तक पहुंच गया है जिसमें से 12 लाख टन का उपयोग घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने में किया जाता है, 7 प्रतिशत सीपीओ का आवंटन बायोडीजल निर्माण के लिए होता है और लगभग 10 लाख टन का विदेशों में निर्यात किया जाता है।
इसका अधिकांश शिपमेंट भारत को होता है। उल्लेखनीय है कि भारत में पाम तेल के सकल आयात में थाईलैंड के माल की भागीदारी बढ़ते हुए अब 15 प्रतिशत पहुंच गई है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के नेतृत्व में तथा अतुल चतुर्वेदी के उप नेतृत्व में एक विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल ने 23 से 27 अगस्त 2023 के दौरान थाईलैंड के सूरत थानी में प्राइमरी पाम तेल उत्पादक क्षेत्र का दौरा किया जिसमें देश के अग्रणी 19 आयातक एवं रिफाइनर्स शामिल थे।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य थाईलैंड के पास तेल कॉम्प्लेक्स की आंतरिक जानकारी लेना, वहां प्रोसेसिंग, उत्पादन एवं निर्यात की क्षमता का आंकलन करना, पाम तेल आपूर्ति के लिए परिवहन व्यवस्था का विश्लेषण करना तथा थाईलैंड के पाम तेल उत्पादकों एवं निर्यातकों के साथ सीधा सम्बन्ध-सम्पर्क स्थापित करना था। प्रतिनिधिमंडल ने वहां पाम तेल के अग्रणी क्रशर्स, रिफाइनर्स एवं निर्यातकों के साथ अनेक बैठकों में भाग लिया।