iGrain India - भटिंडा । पंजाब के अबोहर में चालू सीजन की कपास फसल की प्रथम तुड़ाई, मंडियों में इसकी आवक तथा खरीद की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। समझा जाता है कि एक पखवाड़े के बाद जब दूसरे दौर की तुड़ाई-तैयारी आरंभ होगी तब इसकी खरीद की गति भी तेज हो जाएगी।
अब तक मंडियों में लगभग 3000 क्विंटल रूई की आवक हो चुकी है जिसमें मध्यम रेशे वाले माल की मात्रा अधिक देखी गई। ध्यान देने की बात है कि प्रत्येक जिनर एक खास दिन में ही मंडियों में प्रवेश कर रहे हैं जिसे वे शुभ मानते हैं और फिर खरीदारी शुरू करते हैं।
मध्य सितम्बर से मंडियों में रूई की आवक तेजी से बढ़ने लगेगी और तब खरीदारों की सक्रियता भी बढ़ जाएगी। अक्टूबर में इसके शीर्ष पर पहुंचने की उम्मीद है।
एक कमीशन एजेंट के अनुसार अगैती वैरायटी से संकेत मिलता है कि यदि मौसम आगे अनुकूल रहा तो इस बार कपास का शानदार उत्पादन हो सकता है।
सिर्फ प्रमुख कपास उत्पादक इलाकों में अत्यन्त मूसलाधार बारिश नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मध्यम रेशे वाली किस्म के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशेवाली श्रेणी के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
चालू सीजन में अभी तक आढ़तियों एवं जिनर्स द्वारा केवल 6500/6621 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य स्तर पर खरीद की गई है जो समर्थन मूल्य के आसपास ही है। दरअसल इस बार खरीदार किसी असामान्य भाव पर कपास खरीदने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।
अबोहर के एक किसान ने कहा है कि अभी कपास पौधे के नीचले भाग में रूई के गोले (बॉल) की तुड़ाई हुई है और धीरे-धीरे अन्य भागों में भी तुड़ाई आरंभ हो जाएगी। रूई में अभी नमी का अंश कुछ ज्यादा है फिर भी इसकी खरीद एमएसपी पर हो रही है।
बारिश नहीं हुई तो आगे सूखा माल आने पर दाम कुछ बढ़ सकता है। मालूम हो कि इस बार पंजाब में कपास का रकबा घट गया है और फसल पर कीड़ों का भी प्रकोप है।