iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू प्रभाग में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) की शुरुआत जून माह में शुरू की थी और इसके तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा गेहूं की बिक्री के लिए 28 जून 2023 को पहली साप्ताहिक ई- नीलामी आयोजित की गई थी।
तब से लेकर अब तक इस योजना के तहत करीब 12.80 लाख टन गेहूं की बिक्री हो चुकी है। लेकिन दूसरी ओर चावल की बिक्री का प्रदर्शन बहुत कमजोर देखा जा रहा है। 5 जुलाई 2023 को इसकी पहली साप्ताहिक नीलामी हुई थी और तब से अब तक केवल 32,520 टन चावल बेचने में खाद्य निगम को सफलता मिली है।
30 अगस्त को आयोजित नवीनतम ई-नीलामी में खाद्य निगम द्वारा 1.60 लाख टन गेहूं की बिक्री की गति जबकि कुल 2 लाख टन का ऑफर दिया गया था। दूसरी ओर चावल का ऑफर तो 3.20 लाख टन का था लेकिन उसमें से सिर्फ 1100 टन की बिक्री हो सकी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र खुले बाजार बिक्री योजना के तहत कुल 50 लाख टन गेहूं एवं 25 लाख टन चावल बेचने की घोषणा की है। अलग-अलग समयावधि के लिए घोषित इस ऑफर की बिक्री क्रमिक रूप से सप्ताहिक ई-नीलामी के जरिए की जाएगी।
इसके लिए गेहूं का न्यूनतम आरक्षित मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए 2150 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस किस्म के लिए 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
हालांकि चावल का न्यूनतम आरक्षित मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल से 200 रुपए घटाकर 2900 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है। लेकिन फिर भी ओएमएसएस के तहत इसकी अपेक्षित बिक्री नहीं हो रही है।
खुले बाजार बिक्री योजना के अंतर्गत गेहूं का भारित औसत मूल्य घटकर 2148 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है जो तीन सप्ताह पूर्व 2254 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था।
दरअसल 50 लाख टन गेहूं का भारी-भरकम कोटा नियत किए जाने के कारण मिलर्स एवं प्रोसेसर्स काफी हद तक निश्चित हो गए हैं इसलिए जल्दबाजी में ऊंचे दाम पर इसकी खरीद का प्रयास नहीं कर रहे हैं। सरकार का इरादा भी गेहूं की समुचित आपूर्ति को बरकरार रखने का है।