iGrain India - विनीपेग । जब रूस-यूक्रेन युद्ध तथा अल नीनो मौसम चक्र के कारण ऑस्ट्रेलिया में सूखा पड़ने की आशंका से वैश्विक बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल होने लगी तब कनाडा को एक बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में देखा जाने लगा था लेकिन वहां भी भयंकर सूखा पड़ने से गेहूं का उत्पादन उम्मीद से कम होने की संभावना है जिससे उसे इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का निर्यात बढ़ाने में शायद सफलता नहीं मिल पाएगी।
दिलचस्प तथ्य यह है कि चालू वर्ष के दौरान कनाडा में गेहूं का बिजाई क्षेत्र उछलकर 107 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो वर्ष 1997 के बाद का सबसे बड़ा क्षेत्रफल माना जा रहा है।
इसके तहत खासकर वसंतकालीन गेहूं के रकबे में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और यह बढ़कर 83 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। बिजाई के दौरान तथा फसल की प्रगति के आरंभिक चरण में वहां मौसम की हालत लगभग सामान्य थी लेकिन उसके बाद तापमान बढ़ने लगा, वर्षा का अभाव देखा गया और फसल को नमी की भारी कमी महसूस होने लगी। इससे गेहूं की क्वालिटी पर नए सिरे से चर्चा होने लगी और निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ने का अनुमान लगाया जाने लगा।
कनाडा के कृषि मंत्रालय ने अपनी नई (अगस्त) रिपोर्ट में 2022-23 के मुकाबले 2023-24 सीजन के दौरान गेहूं का उत्पादन अनुमान घटा दिया। इसी तरह मंत्रालय ने जुलाई की रिपोर्ट में कनाडा में चालू सीजन के दौरान 353 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया था जिसे अब 21 लाख टन या करीब 2 प्रतिशत घटाकर 332 लाख टन निर्धारित कर दिया है।
मंत्रालय ने कनाडा से गेहूं का निर्यात भी 2023-24 सीजन में 238 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के कुल शिपमेंट 246 लाख टन से 8 लाख टन कम है।
पश्चिमी कनाडा में भयंकर सूखे का दौर जारी है तथा अल्बर्टा प्रान्त के दक्षिणी भाग एवं सस्कैचवान राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में सूखे का सबसे गंभीर प्रकोप देखा जा रहा है जिससे गेहूं के उत्पादन अनुमान में आगे कुछ और कटौती हो सकती है।
कृषि मंत्रालय का कहना है कि गेहूं फसल की उपज दर, कुल पैदावार एवं गुणवत्ता पर अनिश्चितता अभी बरकरार है जिसका असर निर्यात पर भी स्वाभाविक रूप से पड़ेगा। कनाडा संसार के पांच शीर्ष गेहूं निर्यातक देशों की सूची में शामिल है।