iGrain India - मुम्बई । नेशनल कॉमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने किसानों के लिए हल्दी में रियायती (सब्सिडाइज्ड) ऑप्शंस अनुबंध आरंभ करने हेतु महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत आरंभ कर दी है और इसकी लांचिंग की तिथि के बारे में शीघ्र ही फैसला होने की संभावना है।
एक्सचेंज के मुख्य व्यवसाय अधिकारी का कहना है कि इस बात का निर्णय अभी लिया जाना है कि फार्मर प्रोड्यूसर्स आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) द्वारा जिस प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा उसके लिए महाराष्ट्र सरकार पूरी सब्सिडी देशी या आंशिक।
इस ऑप्शन के जरिए किसान हल्दी की बिजाई के समय से ही प्रीमियम की एक निश्चित राशि का भुगतान करके अपनी कीमतों को 'लॉक' कर सकते हैं।
एक्सचेंज के मुताबिक ऑप्शंस कारोबार कीमतों को लॉक (आरक्षित) करने का एक आधुनिक तरीका हो सकता है जो कृषि जिंसों के लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के सरकारी प्रयासों के पूरक के रूप में काम करेगा।
अब समर्थन मूल्य से भी आगे देखने की जरूरत है। समर्थन मूल्य को विस्थापित करना आवश्यक नहीं है। ऑप्शंस ट्रेडिंग उसका पूरक बन सकता है विकल्प नहीं।
उल्लेखनीय है कि हल्दी का उत्पादन महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर होता है और इन दोनों राज्यों के उत्पादक हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य नियत करने की जोरदार मांग कर रहे हैं।
एक्सचेंज के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (सीबीओ) के अनुसार यद्यपि न्यूनतम समर्थन मूल्य फ़िलहाल फसलीय जिंसों के लिए ही लागू है मगर महाराष्ट्र एवं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की सरकार हल्दी के लिए भी समर्थन मूल्य निर्धारित करने की इच्छुक है जबकि यह एक मसाला फसल है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में एनसीडीईएक्स ने एफपीओ के माध्यम से चना एवं सरसों में पुट ऑप्शन आरंभ किया था जिसमें 41 एफपीओ ने भाग लिया। लेकिन सरकार ने वर्ष 2021 में इसके वायदा एवं ऑप्शंस कारोबार को स्थगित कर दिया।
एक्सचेंज का कहना है कि हल्दी के उत्पादन एवं कारोबार में संलग्न सभी एफपीओ को पुट ऑप्शंस कांट्रेक्ट में शामिल करने का प्लान है और इसके लिए आवश्यक प्रयास किया जाएगा।