iGrain India - नई दिल्ली । अरहर (तुवर), उड़द, मूंग एवं चना के दाम में आई तेजी को नियंत्रित करने के प्रयास में जुटी केन्द्र सरकार को जब मसूर की कीमतों में भी तेजी आने का संकेत मिला तो वह तुरंत हरकत में आ गई और सभी सम्बद्ध पक्षों को मसूर के अपने स्टॉक विवरण का खुलसा करने का निर्देश जारी कर दिया।
सभी व्यापारियों, आयातकों एवं स्टाकिस्टों से कहा गया है कि वे प्रत्येक शुक्रवार को सरकारी पोर्टल पर इस बात की जानकारी अनिवार्य रूप से अपलोड करें कि उसके पास मसूर का कितना स्टॉक बचा हुआ है।
समझा जाता है कि जब तुवर का भाव काफी ऊंचा हो गया तब होटल-रेस्तरां आदि में उसकी जगह मसूर दाल का उपयोग तेजी से बढ़ गया। यद्यपि सरकार ने 2022-23 के रबी सीजन में मसूर का घरेलू उत्पादन बढ़ने का अनुमान लगाया है और कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया से इसका नियमित आयात भी हो रहा है लेकिन मांग एवं खपत में अच्छी बढ़ोत्तरी होने से मसूर के दाम में तेजी आने लगी।
एग्री कॉमोडिटी मार्केट की एक अग्रणी रिसर्च फर्म- आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान का कहना है कि भयंकर सूखे के कारण कनाडा में इस बार मसूर के उत्पादन में काफी गिरावट आई है जिसे देखते हुए आयातक एवं डीलर्स अधिक से अधिक मात्रा में इसका स्टॉक पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके अलावा चालू खरीफ सीजन के दौरान दलहनों का घरेलू उत्पादन कमजोर होने की संभावना है क्योंकि एक तो इसके बिजाई क्षेत्र में 11 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की गिरावट आ गई है दूसरे, मानसून की बारिश भी कम हुई है। इसका घरेलू दलहन बाजार पर काफी समय से मनोवैज्ञानिक असर पड़ रहा है। सभी दलहनों का भाव ऊंचे स्तर पर बना हुआ है।