iGrain India - कोलकाता । मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतर काफी बढ़ जाने से मसालों के दाम में 20 से 80 प्रतिशत तक की जोरदार तेजी आ गई है जिससे गृहस्थियों का बजट बिगड़ने लगा है।
समीक्षकों का कहना है कि मसालों की पैदावार तथा उपलब्धता अनेक कारणों से प्रभावित हो रही है। मौसम की हालत में बदलाव होने प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप रहने, तापमान में गर्मी बढ़ने तथा फसल की उत्पादकता में कमी आने से मसालों का उत्पादन प्रभावित हुआ है जबकि बढ़ते निर्यात के कारण इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता में कमी आई है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून का कमजोर प्रदर्शन भी घरेलू मसाला बाजार पर कुछ हद तक मनोवैज्ञानिक असर डाल रहा है। जून के बाद जीरा, हल्दी, धनिया, लालमिर्च एवं कालीमिर्च जैसे प्रमुख मसालों की आपूर्ति घटने लगती है जबकि मांग सामान्य बनी रहती है।
मसालों की वैश्विक निर्यात मांग मजबूत बनी हुई है और निर्यातक उसे पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इससे घरेलू प्रभाग में मसालों का अभाव महसूस होने लगा है और कीमतों में तेजी का रुख बरकरार है।
आम लोगों का कहना है कि जीरा और हल्दी जैसे सामान्य मसालों का खुदरा भाव बढ़कर इतने ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है कि इसका इस्तेमाल बंद करने की नौबत आ गई है।
घरेलू प्रभाग में मसालों के दाम में पिछले कुछ महीनों के दौरान लगभग 40 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। यह थोक बाजार भाव की हालत है जबकि कुछ मसालों का खुदरा मूल्य तो 80 प्रतिशत तक उछल गया है।
इसके तहत खासकर जीरा, छोटी इलायची और बड़ी इलायची, हल्दी तथा लौंग आदि के दाम में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है। कई क्षेत्रों में किसानों ने अब मसालों के बजाए अन्य फसलों की खेती पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है क्योंकि मौसम एवं वर्षा की प्रतिकूल स्थिति के साथ-साथ कीड़ों-रोगों के प्रकोप से भी इसकी फसल को नुकसान होता रहता है। हल्दी, धनिया, लालमिर्च एवं जीरा की फसल इससे विशेष रूप से प्रभावित होती है।
समीक्षकों के मुताबिक जीरा का उत्पादन साल में एक बार होता है और इस बार 30-40 प्रतिशत फसल क्षतिग्रस्त हो गई। अब अगले रबी सीजन में इसकी बिजाई होगी और अगले वर्ष फरवरी-मार्च में अन्य माल का आना शुरू होगा।
तब तक बाजार ऊंचा और तेज रह सकता है। राजस्थान में धनिया की फसल को बिपरजॉय तूफान से नुकसान हुआ था जबकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में बारिश कम होने से लालमिर्च की फसल प्रभावित हुई थी।
विश्लेषकों के मुताबिक त्यौहारी सीजन आरंभ हो चुका है जबकि मसालों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध नहीं है इसलिए कीमतों में 15 प्रतिशत से अधिक का और इजाफा हो सकता है।