iGrain India - मुम्बई । मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त के अंत में मलेशिया में पाम तेल उत्पादों का बकाया अधिशेष स्टॉक उछलकर 21.25 लाख टन के उच्च स्तर पर पहुंच गया जो जुलाई की समाप्ति के समय उपलब्ध स्टॉक 17.30 लाख टन से 22.50 प्रतिशत ज्यादा है।
विशाल बकाया के कारण पाम तेल के बेंचमार्क वायदा मूल्य पर दबाव और भी बढ़ने की संभावना है जबकि पहले से ही इसमें नरमी का रुख बना हुआ है। उधर अमरीका में सोयाबीन की नई फसल की छिटपुट आवक शुरू हो गई है और ब्राजील में इसका विशाल स्टॉक मौजूद है। वहां अगले सीजन के लिए सोयाबीन की बिजाई भी आरंभ हो गई है।
अर्जेन्टीना में एक बार फिर 'सोया डोलर' योजना शुरू होने वाली है जिससे क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों को अधिक मात्रा में सोयाबीन प्राप्त होने की उम्मीद है। रूस में सूरजमुखी तेल का अच्छा खासा स्टॉक बताया जा रहा है।
इधर भारत में सरकारी एजेंसी- नैफेड द्वारा अपने स्टॉक से भारी मात्रा में सरसों को खुले बाजार में उतारने (बेचने) का प्लान बनाया गया है जिससे सरसों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने की संभावना है।
चालू माह के दूसरे पखवाड़े से सोयाबीन की अगैती बिजाई वाली फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी शुरू होने वाली है जबकि अक्टूबर में इसकी रफ्तार बढ़ जाएगी। उसी समय मूंगफली की नई फसल भी आने लगेगी।
समझा जाता है कि अगस्त माह के दौरान देश में खाद्य तेलों का रिकॉर्ड आयात हुआ जबकि पहले से ही यहां इसका भारी-भरकम स्टॉक मौजूद था।
इसके फलस्वरूप बंदरगाहों पर आयातित खाद्य तेल का अम्बार लगा हुआ है और जहाजों पर से माल उतारने की गति काफी धीमी है। कुछ आयातकों को तो लागत खर्च से भी कम दाम पर आयातित खाद्य तेलों की बिक्री के लिए विवश होना पड़ रहा है ताकि बैंकों से प्राप्त ऋण का भुगतान किया जा सके।
सोयाबीन तेल एवं सरसों तेल का भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर बना हुआ है। निर्यातक देशों में भाव घटने तथा सीमा शुल्क की दर न्यूनतम स्तर पर होने से भारत में विशाल मात्रा में सस्ते खाद्य तेल का आयात हो रहा है लेकिन न्यूनतम खुदरा मूल्य का स्तर ऊंचा होने से आम उपभोक्ताओं को इसका समुचित फायदा नहीं मिल रहा है।