iGrain India - वैंकुवर । पश्चिम कनाडा में बारिश का अभाव होने तथा तापमान काफी ऊंचा रहने से गेहूं, जौ, कैनोला, जई एवं अलसी के साथ दलहन फसलों और खासकर मसूर तथा मटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है।
इसे देखते हुए सरकारी एजेंसी- स्टैट्स कैन ने इसके उत्पादन में काफी गिरावट आने की संभावना व्यक्त की है। उल्लेखनीय है कि कनाडा में मसूर एवं मटर का उत्पादन मुख्यत: सस्कैचवान, अल्बर्टा एवं मनिटोबा प्रान्त में होता है जो देश के पश्चिमी भाग में प्रेयरीज क्षेत्र में अवस्थित है।
स्टैट्स कैन ने पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कनाडा में मसूर का उत्पादन 33 प्रतिशत तथा मटर उत्पादन 33.6 प्रतिशत घटने का अनुमान लगाया है।
इसी तरह अलसी के उत्पादन में 43.4 प्रतिशत, जौ के उत्पादन में 21.5 प्रतिशत तथा जई के उत्पादन में 53.4 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना व्यक्त की है। लेकिन काबुली चना का उत्पादन 5.1 प्रतिशत एवं सरसों का उत्पादन 3.7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद जताई है।
उल्लेखनीय है कि कनाडा दुनिया में मसूर-मटर का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। वहां से मसूर का सर्वाधिक निर्यात भारत को तथा मटर का सबसे ज्यादा शिपमेंट चीन को किया जाता है।
उत्पादन में भारी गिरावट आने से कनाडा में इन दोनों दलहनों का भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा है। लाल मसूर का दाम 40 सेंट एवं मोटी हरी मसूर का 62 सेंट प्रति पौंड पर पहुंच गया है।
उधर ऑस्ट्रेलिया में मसूर का उत्पादन पिछले साल से काफी कम होने की संभावना है फिर भी यह यह दूसरा ऊंचा उत्पादन हो सकता सकता है। ऑस्ट्रेलिया से भी मसूर का सर्वाधिक निर्यात भारत को ही होता है।
कनाडा में मसूर फसल की कटाई लगभग समाप्त हो चुकी है और उत्पादक इसकी बिक्री का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अत्यन्त ऊंचे मूल्य के कारण खरीदारों की लिवाली की गति धीमी पड़ गई है।
वहां मसूर का पिछला बकाया स्टॉक भी बहुत कम है इसलिए निर्यात योग्य स्टॉक इस बार सीमित रहेगा। लाल मसूर के उत्पादन में हरी मसूर से ज्यादा गिरावट आई है जबकि कनाडा से लाल मसूर का निर्यात ज्यादा होता है। ऑस्ट्रेलिया भी मुख्यत: लाल मसूर का ही निर्यात करता है जहां अगले महीने से फसल की छिटपुट कटाई शुरू हो सकती है।