iGrain India - मुम्बई । चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती दस महीनों यानी नवम्बर 2022 से अगस्त 2023 के दौरान भारत में खाद्य तेलों का सकल आयात बढ़कर 141.21 लाख टन पर पहुंच गया जो 2021-22 सीजन की समान अवधि के आयात 113.76 लाख टन से काफी अधिक है।
निर्यातक देशों में भाव घटकर प्रतिस्पर्धी स्तर पर आने से पाम संवर्गे के तेलों का आयात समीक्षाधीन अवधि में 58.56 लाख टन से उछलकर 82.46 लाख टन पर पहुंच गया और इसके साथ ही सकल खाद्य तेल आयात में इसकी भागीदारी भी 53 प्रतिशत से बढ़कर 59 प्रतिशत हो गई।
जहां तक सॉफ्ट खाद्य तेलों (सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल) का सवाल है तो पिछले पांच महीनों के दौरान इसके आयात में भी बढ़ोत्तरी हुई जिससे नवम्बर 2022 से अगस्त 2023 के 10 महीनों का कुल आयात 2021-22 सीजन के 52.14 लाख टन से बढ़कर 57.29 लाख टन पर पहुंचा मगर खाद्य तेलों के आयात में हुई भारी बढ़ोत्तरी की तुलना में इसके आयात की वृद्धि दर कमजोर रही और परिणामस्वरूप सकल आयात में सॉफ्ट खाद्य तेलों की भागीदारी 2021-22 के 47 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 41 प्रतिशत पर सिमट गई।
पाम तेल के संवर्ग में खासकर आरबीडी पामोलीन के आयात में जबरदस्त इजाफा हुआ। 2020-21 सीजन के शुरूआती 10 महीनों में इसका आयात केवल 6.86 लाख टन एवं 2019-20 के सीजन में 4.21 लाख टन हुआ था जो कुल खाद्य तेल आयात का क्रमश: 5 प्रतिशत एवं 3 प्रतिशत रहा था।
इसके मुकाबले 2022-23 सीजन के 10 महीनों में रिफाइंड पामोलीन का आयात उछलकर 19.24 लाख टन पर पहुंच गया जो सकल खाद्य तेल आयात का 14 प्रतिशत है। दरअसल इस पर सीमा शुल्क की दर घटाकर 13.75 प्रतिशत नियत किया गया है जबकि निर्यातक देशों में भाव घटकर काफी नीचे आ गया है इसलिए भारतीय आयातकों को मलेशिया एवं इंडोनेशिया से विशाल मात्रा में इसके आयात को प्रोत्साहन मिल रहा है।