iGrain India - क्यूबेक । कई वर्षों तक व्यापारिक करार के लिए बातचीत की गतिशीलता बरकरार रहने के बाद ऐसा लगता है कि भारत के साथ कनाडा की बातचीत में प्रगति थम सी गई है।
एक अग्रणी संस्था- पल्स कनाडा ने व्यापार वार्ता को दोबारा शुरू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान वार्ता में गतिरोध क्यों उत्पन्न हुआ यह तो वार्ताकार ही जाने लेकिन इसका नतीजा यह सामने आयात कि कनाडा के घरेलू प्रभाग में उतार-चढ़ाव का दौर बन गया है और बाजार में अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
पल्स कनाडा के अध्यक्ष का कहना है कि कनाडा के दलहन उद्योग के विकास विस्तार में भारतीय दलहन बाजार का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वर्तमान चुनौतियों को अलग रखकर देखें तो भारत अब भी कनाडाई दलहन और खासकर मसूर के लिए अरबों डॉलर का निर्यात बाजार बना हुआ है।
आगामी दशक के दौरान वहां दलहनों की मांग में और भी बढ़ोत्तरी होने वाली है इसलिए को भारत के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने का हर संभव प्रयास करना होगा। भारत के साथ एक व्यापार समझौता सुनिचित करने के लिए पिछले एक दशक से प्रयास हो रहा है लेकिन अभी तक इसे अंतिम सुझाव पर पहुंचाने में सफलता नहीं मिल सकी है।
भारत में मटर पर ऊंचे स्तर का आयात शुल्क लागू है जबकि कुछ अन्य बंदिशें भी लगी हुई हैं। हालांकि वार्ताकार व्यापार संधि के लिए प्रयासरत है मगर इसकी गतिशीलता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।