iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने नवीनतम अपडेट में 14 से 18 सितम्बर के बीच देश के विभिन्न भागों में अच्छी बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। यदि यह पूरी तरह सच साबित होता है तो खरीफ फसलों को काफी राहत मिल सकती है।
मौसम विभाग ने सितम्बर के पहले सप्ताह में भी अच्छी बारिश होने की संभावना की थी और यह काफी हद तक सही भी रही। अब उसने 14-15 सितम्बर को पूर्वी भारत में, 14-17 सितम्बर को मध्यवर्ती राज्यों में तथा 15-18 सितम्बर को पश्चिमी प्रांतो में भारी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है।
महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है जिससे खासकर गन्ना, तुवर एवं कपास की फसल को विशेष फायदा हो सकता है। वहां पहले भी बारिश हुई थी जिससे सोयाबीन की फसल को लाभ मिला था।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र देश में सोयाबीन, गन्ना एवं कपास का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है जबकि तुवर के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। इसके अलावा वहां कई अन्य फसलों का उत्पादन भी खरीफ सीजन में होता है।
सोपा ने भी माना है कि सितम्बर के प्रथम सप्ताह में हुई मानसूनी वर्षा से सोयाबीन की फसल को राहत मिली जबकि दूसरे-तीसरे सप्ताह की बारिश भी फसल के लिए फायदेमंद साबित होगी। देश के विभिन्न भागों में चालू माह के दौरान होने वाली बारिश से किसानों एवं सरकार की चिंता कम हो जाएगी क्योंकि अगस्त में मानसून काफी कमजोर और सुस्त रहा था।
सामान्य औसत के सापेक्ष अगस्त में 37 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी जो सितम्बर के शुरूआती 13 दिनों में घटकर 6 प्रतिशत रह गई। इसी तरह 1 जून से 14 सितम्बर के बीच वर्षा की 10 प्रतिशत रह गई।
मौसम विभाग को उम्मीद है कि सितम्बर के दूसरे हाफ में होने वाली अच्छी वर्षा से कुल बारिश में आने वाली कमी घटकर 10 प्रतिशत से भी नीचे आ जाएगी और पूरे मानसून सीजन की वर्षा सामान्य हो सकती है।
राष्ट्रीय स्तर पर कुल संचयी बारिश भले ही सामान्य स्तर पर पहुंच जाए लेकिन वर्षा का वितरण अब तक असमान रहा है इसलिए कई क्षेत्रों में इसका अभाव महसूस किया जा रहा है।
जिन इलाकों में अगस्त के सूखे के बाद सितम्बर में भी अभी तक अच्छी वर्षा नहीं हुई है वहां खरीफ फसलों की हालत काफी कमजोर है। लेकिन खुशी की बात यह है कि ऐसे क्षेत्रों का दायरा काफी सिकुड़ता जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि वहां आगामी दिनों में बारिश होने पर खरीफ फसलों की स्थिति कुछ बेहतर हो सकती है।