iGrain India - नई दिल्ली । चालू मानसून सीजन के दौरान अब तक बिहार, झारखंड, केरल, मणिपुर और मिजोरम में वर्षा का भारी अभाव देखा जा रहा है। हालांकि महाराष्ट्र में अगस्त तक बारिश की भारी कमी बनी हुई थी लेकिन सितम्बर में अच्छी वर्षा होने से यह कमी घटकर अब 11 प्रतिशत रह गई है जबकि सतारा जैसे जिलों में सामान्य औसत के मुकाबले 39 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
महाराष्ट्र से सटे प्रान्त कर्नाटक में बारिश काफी कम हुई है और मानसून के लचर प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार को कुल 236 तालुकों में से 195 तालुकों को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के लिए विवश होना पड़ा है।
एक कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि कर्नाटक में जुलाई माह की सामान्य बारिश के बाद अगस्त में लम्बे समय तक सूखे का माहौल बना रहा जिससे खरीफ फसलों को भारी क्षति होने की आशंका है।
हालांकि बीच-बीच में थोड़ी-बहुत बारिश होती रही मगर इसका दायरा काफी सीमित था और दो वर्षा के मध्य अंतराल काफी बड़ा था इसलिए प्रांतीय स्तर पर खरीफ फसलों की हालत पूरी तरह सुधर नहीं सकी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में खरीफ सीजन के दौरान अन्य फसलों के अलावा तुवर एवं गन्ना का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। मूंग, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी एवं कपास की फसल भी सूखे की वजह से प्रभावित हो रही है।