iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा आगामी रबी सीजन की छह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 2 से 7 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी किए जाने की संभावना है।
इसकी घोषणा जल्दी ही हो सकती है क्योंकि अगले महीने से इन फसलों की बिजाई प्रक्रिया आरंभ होने वाली है। चालू वर्ष के दौरान चार-पांच राज्यों में विधान सभा का तथा अगले वर्ष की पहली छमाही में लोकसभा का चुनाव होने वाला है। जिसे देखते हुए सरकार खासकर गेहूं तथा मसूर के एमएसपी में अच्छी बढ़ोत्तरी कर सकती है।
पिछले साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5.5 प्रतिशत बढ़ाकर 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था जबकि मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य लगभग 7-7 प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 2275-2300 रुपए प्रति किवंटल तथा 6425-6450 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए जाने की उम्मीद है ताकि केन्द्रीय बफर स्टॉक को बढ़ाने हेतु भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), नैफेड एवं एनसीसीएफ जैसी एजेंसियों को किसानों से अधिक से अधिक मात्रा में इसकी खरीद करने में सहायता हासिल हो सके।
दूसरी ओर चना तथा जौ के समर्थन मूल्य में सामान्य इजाफा किया जा सकता है। इसके तहत चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2 प्रतिशत बढ़ाकर 5440-5475 रुपए प्रति क्विंटल तथा जौ का समर्थन मूल्य 6.6 प्रतिशत बढ़ाकर 1850-1900 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए जाने की संभावना है। ज्ञात हो कि 2022-23 सीजन के लिए भी चना के समर्थन मूल्य में 2 प्रतिशत तथा जौ के समर्थन मूल्य में 6.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
जहां तक सरसों- रेपसीड का सवाल है तो इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 3.5 से 4.00 प्रतिशत तक बढ़ाकर 5650-5700 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित होने का अनुमान है जबकि सूरजमुखी का समर्थन मूल्य 2.5-3.0 प्रतिशत बढ़ाकर 5800-5950 रुपए प्रति क्विंटल नियत किए जाने की उम्मीद है।
अधिकारियों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) अपनी सिफारिश पहले ही जमा कर चुका है और कैबिनेट नोट भी विभिन्न संबंध विभागों के पास विचारार्थ भेजा जा चुका है।