iGrain India - साओ पाउलो । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील के मध्यवर्ती भाग में मौसम काफी शुष्क एवं गर्म होने से एक तरफ सोयाबीन एवं मक्का की बिजाई प्रभावित हो रही है तो दूसरी ओर गन्ना की फसल को नुकसान हो रहा है।
ब्राजील के सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य- माटो ग्रोसो के अधिकांश भाग में किसानों को फसलों की बिजाई के लिए मौसम के सुधरने इंतजार करना पड़ रहा है। दुर्भाग्य से मौसम विभाग ने निकट भविष्य में वहां तापमान रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर बरकरार रहने तथा बारिश बहुत कम होने का अनुमान व्यक्त किया है।
पिछले सप्ताह तक माटो ग्रोसो प्रान्त में केवल 0.5 प्रतिशत क्षेत्र में सोयाबीन की बिजाई हुई थी जबकि वह ब्राजील में इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। आमतौर पर सितम्बर को मध्यवर्ती ब्राजील में सबसे ज्यादा गर्म महीना माना जाता है लेकिन इस बार वहां गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।
मध्यवर्ती ब्राजील में अभी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुंच गया है जिससे खेतों की मिटटी में नमी समाप्त होती जा रही है। इससे फसलों की बिजाई प्रभावित होने की आशंका है।
ध्यान देने की बात है कि ब्राजील दुनिया में सोयाबीन एवं चीनी का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि मक्का के उत्पादन में तीसरे एवं निर्यात में दूसरे नम्बर पर है। उधर माटो ग्रोसो डो सूल प्रान्त में तापमान 46 डिग्री पर पहुंच गया है।
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आगाह किया है कि वे इस शुष्क एवं गर्म मौसम में सोयाबीन की बिजाई न करें। जब तक वहां पर्याप्त बारिश न हो और बीज में अंकुरण की उम्मीद सुनिश्चित न हो तब तक बिजाई को रोकना अच्छा रहेगा।
जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की बिजाई हो चुकी है वहां भी इसके सूखने की आशंका है जिससे किसानों को वहां दोबारा खेती करने के लिए विवश होना पड़ेगा।
इसके विपरीत दक्षिण ब्राजील में अवस्थित रियो ग्रैण्ड डो सूल प्रान्त में अत्यन्त भारी वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले कई सप्ताहों में वहां रुक-रूककर भारी वर्षा हो रही है जिससे खेत जलमग्न हो गए हैं और फसलों को नुकसान हुआ है।
मालूम हो कि माटो ग्रोसो एवं पराना के बाद रियो ग्रैण्ड डो सूल ब्राजील का तीसरा सबसे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य है।