iGrain India - मुम्बई । भारत और कनाडा के बीच बढ़ती दूरी को देखते हुए भारतीय आयातक आगामी समय में ऑस्ट्रेलिया से मसूर का आयात बढ़ाने पर जोर दे सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि इन आयातकों ने कनाडा से मसूर का आयात अनुबंध करना बंद कर दिया है और केवल वही माल मंगाया जा रहा है जिसका सौदा पहले हो चुका है।
कनाडा के एक विश्लेषक ने भी कहा है कि मसूर की खरीद के लिए भारत की तरफ से न तो पूछ परख हो रही है और न ही कोई नया अनुबंध साइन किया जा। ध्यान देने की बात है कि दोनों में से किसी देश ने व्यापार पर प्रतिबंध नहीं लगाया है लेकिन जबसे दोनों के बीच तनाव बढ़ा है तब से भारत में मसूर का आयात धीमा पड़ गया है।
दरअसल जिस तरह की बयान बजी और कनाडा की हरकत हो रही है उससे यह अटकलबाजी आरंभ हो गई है कि भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार में गतिरोध उत्पन्न हो सकता है।
ध्यान देने की बात है कि कनाडा दुनिया में मसूर का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक तथा भारत सबसे बड़ा आयातक एवं उपभोक्ता देश है।
भारत कुछ वर्ष पूर्व तक मसूर के आयात के लिए मुख्यत: कनाडा पर ही निर्भर था लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया में मसूर का उत्पादन 2022-23 सीजन के दौरान उछलकर 16 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था जो 2023-24 के वर्तमान सीजन में घटकर 12 लाख टन के आसपास सिमटने का अनुमान है।
फिर भी यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होगा और भारत की मांग को पूरा करने में सहायक बनेगा। अगले महीने से वहां मसूर की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने वाली है।
भारतीय आयात इसके कुछ अग्रिम सौदे कर चुके हैं। जब तक ऑस्ट्रेलिया में मसूर की जोरदार आवक शुरू नहीं होती और उत्पादन का सही अंदाजा नहीं लग जाता तब तक भारत सरकार कनाडा से इसका आयात जारी रखना चाहेगी क्योंकि अभी त्यौहारी सीजन जारी है और शीघ्र ही कुछ चुनाव भी होने वाले हैं।