iGrain India - मुम्बई । अगस्त माह के दौरान भारत में खाद्य तेलों का आयात उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था मगर सितम्बर में आयात करीब 19 प्रतिशत घटने का अनुमान है। इसका प्रमुख कारण पाम तेल के आयात में 26 प्रतिशत की जोरदार गिरावट आना है।
भारत दुनिया में पाम तेल सहित खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश है। एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक के अनुसार सितम्बर माह के दौरान देश में करीब 15 लाख टन खाद्य तेल का आयात हुआ।
दरअसल जुलाई एवं अगस्त में रिकॉर्ड आयात होने के कारण भारतीय रिफाइनर्स के पास क्रूड पाम तेल का विशाल स्टॉक बन गया था इसलिए उन्होंने सितम्बर में आयात घटा दिया। 3
देश में खाद्य तेलों का स्टॉक बढ़कर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है इसलिए भारतीय आयातकों को विदेशों में इसकी खरीद का अनुबंध करने में सावधानी बरतनी पड़ रही है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में 1 सितम्बर 2023 को खाद्य तेलों का स्टॉक उछलकर 37 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो पिछले साल की इसी तिथि को उपलक्ष्य स्टॉक 24 लाख टन से काफी अधिक था। सितम्बर माह के लिए एसोसिएशन का आयात आंकड़ा मध्य अक्टूबर में जारी होने की संभावना है।
विश्लेषक के मुताबिक अगस्त की तुलना में सितम्बर के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात 15 प्रतिशत घटकर 3.10 लाख टन पर सिमट गया लेकिन सोयाबीन तेल का आयात 2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.65 लाख टन पर पहुंच गया।
उल्लेखनीय है कि भारत में पाम तेल का आयात मुख्यत: इंडोनेशिया, मलेशिया एवं थाईलैंड से, सोयाबीन तेल का आयात अर्जेन्टीना एवं ब्राजील से तथा सूरजमुखी तेल का आयात रूस, यूक्रेन एवं अर्जेन्टीना से किया जाता है।
पाम तेल के आयात में पहले से ही गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही थी क्योंकि जुलाई-अगस्त में इसका बेतहाशा आयात हुआ था।
वैसे त्यौहारी सीजन की मांग को देखते हुए इसका आयात बढ़ाया गया लेकिन आयात में बढ़ोत्तरी का एक अन्य प्रमुख कारण आपूर्तिकर्ता देशों में खाद्य तेलों के दाम में भारी गिरावट भी माना जा रहा है।