रायपुर 11 अगस्त (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सियासी मैदान में आगामी समय में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मुकाबला बड़ा रोचक रहने वाला है।ऐसा इसलिए क्योंकि जहां 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा (एनडीए) के सामने जीत हासिल करने की चुनौती रहेगी तो वहीं वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (इंडिया) के सामने बढ़त हासिल करना आसान नहीं होगा।
इसके बावजूद दोनों में से किसी के लिए भी चुनाव एकतरफा नहीं रहने वाला।
देश की सियासत में साल दर साल सियासी समीकरण बदल रहे हैं और इसी का नतीजा है कि कई राज्यों में कांग्रेस वापसी करने में सफल हुई है तो वहीं कुछ राज्य कांग्रेस के हाथ से खिसके हैं।
बात छत्तीसगढ़ की करें तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल कर बड़़ी बढ़त बनाई थी और भाजपा को डेढ़ दशक बाद सत्ता की कुर्सी से अलग किया था।
वहीं, वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 11 में से सिर्फ दो सीटों पर ही बढ़त हासिल करने में कामयाब हुई थी।
आगामी एक साल के भीतर राज्य में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव होने हैं, लिहाजा दोनों राजनीतिक दल पूरी जोर आजमाइश में लगे हुए हैं।
कांग्रेस जहां सत्ता में आने से पहले जन घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने का दावा कर रही है तो वहीं भाजपा लगातार वादों को पूरा न करने का आरोप लगा रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव खुले तौर पर भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में घोटाले और भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाते हैं। उनका कहना है कि गरीबों के सिर से छत छीनने का काम भी कांग्रेस की सरकार ने किया है। अब ज्यादा दिन यह बघेल सरकार रहने वाली नहीं है।
भाजपा राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शिकस्त देने की कोशिश कर रही है। मगर, कांग्रेस अपनी नीतियों और योजनाओं के बल पर फिर सरकार में लौटने का दावा कर रही है।
पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने आमजन से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है, गरीबों की स्थिति में बदलाव लाया है।
वहीं, आर्थिक तौर पर मजबूत करने की भी पहल हुई है। यही कारण है कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार तय है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में अगर भाजपा को कांग्रेस को शिकस्त देनी है तो बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि भूपेश बघेल सरकार जनता के बीच छत्तीसगढ़ी अस्मिता का भाव जगाने में कामयाब रही है।
वहीं, कई योजनाओं के जरिए गरीबों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है। जहां तक बात 2024 के लोकसभा चुनाव की है तो कांग्रेस के लिए विधानसभा के चुनाव जैसे नतीजे दोहराना आसान नहीं रहेगा। मैदान भले ही छत्तीसगढ़ का होगा, दोनों चुनाव में पिच अलग-अलग होगी।
राज्य में जहां भूपेश बघेल सरकार का चेहरा होंगे तो वहीं लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी चेहरा रहेंगे। इस तरह दोनों चुनाव पर गौर करें तो विधानसभा का 2023 का चुनाव भाजपा और 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती रहने वाला है।
--आईएएनएस
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