iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने तथा मौसम एवं मानसून के अनुकूल रहने से मूंग का उत्पादक अधिक होने का अनुमान है और मंडियों में भारी आवक होने के कारण इसकी कीमतों में कुछ नरमी भी आ गई मगर नीचे दाम पर दाल मिलर्स की अच्छी मांग निकलने से आगामी समय में इसका भाव प्राय: मजबूत रहने की उम्मीद है। राजस्थानी मूंग की खरीद के प्रति मिलर्स का आकर्षण बढ़ रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि खरीफ कालीन मूंग का बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 31.49 लाख हेक्टेयर से 3.97 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस बार 35.46 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसे देखते हुए मंत्रालय ने मूंग का घरेलू उत्पादन गत वर्ष के 11.54 लाख टन से 2.29 लाख टन बढ़कर इस वर्ष 13.83 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है।
मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1.4 प्रतिशत बढ़ाकर 8682 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है लेकिन बाजार भाव इससे नीचे होने के कारण इसकी सरकारी खरीद का प्रयास भी जारी है। उधर दाल मिलर्स को मूंग का वर्तमान भाव पसंद आ रहा है।
कुछ समय तक नरमी का माहौल रहने के बाद मूंग की कीमतों में तेजी-मजबूती का रुख बन सकता है इसलिए स्टॉकिस्टों एवं मिलर्स को इसके कारोबार में भविष्य में कुछ फायदा होने की उम्मीद है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में मूंग के नए माल की अच्छी आवक होने की सूचना मिल रही है।
उद्योग व्यापार समीक्षकों के मुताबिक 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन की तुलना में 2024-25 सीजन के दौरान मूंग के घरेलू उत्पादन में 5-6 लाख टन का इजाफा हो सकता है।
विदेशों से इसके आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है फिर भी घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए इसका पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रहने की उम्मीद है। अन्य दलहनों की कीमतों में भी फिलहाल नरमी या स्थिरता का वातावरण बना हुआ है। राजस्थान में मूंग की जोरदार आवक हो रही है।