iGrain India - ब्यूनस आयर्स । लैटिन अमरीकी देश- अर्जेन्टीना में पहले मौसम काफी अनुकूल था और कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से सोयाबीन के शानदार उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन जनवरी के दूसरे पखवाड़े से हालात बदलने लगे।
पिछले सप्ताह भी वहां मौसम काफी गर्म एवं शुष्क बना रहा और तापमान बढ़कर 49 डिग्री तक पहुंच गया। वैसे कोरडोबा तथा ब्यूनस आयर्स प्रान्त के कुछ भागों में बारिश हुई और चालू सप्ताह के अंत तक देश के मध्यवर्ती तथा दक्षिणी क्षेत्र में बौछार पड़ने की संभावना व्यक्त की गई है जिसे सोयाबीन की फसल को कुछ राहत मिल सकती है लेकिन अन्य इलाकों में शुष्क एवं गर्म मौसम से फसल को नुकसान होने की संभावना है।
अधिकांश संभाग में तापमान 38 से 41 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है जिससे खेतों की मिटटी से नमी सूखने की तीव्रता बढ़ जाएगी। वहां तत्काल अच्छी बारिश होने की सख्त आवश्यकता है क्योंकि सोयाबीन की फसल अपनी प्रगति के महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है। 14 प्रतिशत क्षेत्र में फसल में दाने लग चुके हैं।
आमतौर पर मार्च में वहां सोयाबीन फसल की कटाई-तैयारी शुरू हो जाती है जो मई तक जारी रहती है। ला पम्पा तथा ब्यूनस आयर्स प्रान्त में नमी का अभाव होने लगा है जिससे सोयाबीन की उपज दर में कमी आने की संभावना है। नमी के अभाव वाले क्षेत्रों में केवल 36 प्रतिशत सोयाबीन फसल की हालत अच्छी या उत्साहवर्धक है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार फिलहाल अर्जेन्टीना में 2023-24 सीजन के लिए सोयाबीन का उत्पादन अनुमान 520 लाख टन के पिछले स्तर पर बरकरार रखा गया है लेकिन यदि शीघ्र ही समूचे देश में अच्छी वर्षा नहीं हुई और तापमान ऊंचे स्तर पर बना रहा तो उत्पादन अनुमान में कटौती का सिलसिला शुरू हो सकता है।
राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान समय में सोयाबीन की 14 प्रतिशत फसल को काफी कमजोर या खराब स्थिति में आंका जा रहा है जबकि 50 प्रतिशत के सामान्य एवं 36 प्रतिशत फसल को शानदार हालत में माना जा रहा है। शानदार स्थिति वाली फसल की रेटिंग पहले 44 प्रतिशत आंकी गई थी मगर वर्षा के अभाव एवं अत्यन्त ऊंचे तापमान से इसमें कटौती हो गई।
अर्जेन्टीना संसार में सोयाबीन का तीसरा सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि सोया तेल एवं सोया मील के निर्यात में परम्परागत रूप से प्रथम स्थान पर रहता है। भारत में सोयाबीन तेल का सर्वाधिक आयात अर्जेन्टीना से ही किया जाता है। पिछले साल भयंकर सूख पड़ने से अर्जेन्टीना में सोयाबीन का उत्पादन बहुत घट गया था।