नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)। सड़क सुरक्षा निकाय इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर केंद्रीय बजट 2023-24 में दोपहिया सवारों की सुरक्षा के लिए जीवन रक्षक उपकरण हेलमेट पर जीएसटी हटाने की मांग की है। के.के. कपिला, अध्यक्ष एमेरिटस, इंटरनेशनल रोड फेडरेशन ने अपने पत्र में कहा, भारत में दुनिया भर में लगभग 11 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और नवीनतम बॉश रिपोर्ट के अनुसार इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग 15.71-38.81 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है। दोपहिया सवारों की दुर्घटना होने पर मुख्य रूप से सिर की चोटों के कारण मौत हो जाती है। इसे रोकने का सबसे प्रभावी साधन हेलमेट है।
हमारे देश में हेलमेट का उपयोग कम पाया गया है। यह देखा गया है कि अधिकांश दोपहिया वाहन चालक आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग में आते हैं और ऐसे हेलमेट खरीदना पसंद करते हैं, जो सस्ते और गुणवत्ता में घटिया हों। इनमें से कई दुर्घटना की स्थिति में हेलमेट सवार की जान बचाने में सक्षम नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हेलमेट पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है। मैं, सड़क सुरक्षा के समर्थक के रूप में अनुशंसा करता हूं कि हेलमेट पर कोई जीएसटी नहीं होना चाहिए। यह आम लोगों के लिए मानक हेल्मेट को और अधिक किफायती बनाने में मदद करेगा और उन्हें घटिया गुणवत्ता के हेल्मेट खरीदने से हतोत्साहित करेगा। कपिला ने कहा, न केवल दोपहिया सवारों की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने में, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को सड़क दुर्घटनाओं के कारण सकल घरेलू उत्पाद के नुकसान को कम करने में भी मदद मिलेगी।
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
--आईएएनएस
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