साइबर मंडे डील: 60% तक की छूट InvestingProसेल को क्लेम करें

गेहूं के व्यापारियों को सरकार की बदलती नीति से हो रहा है भारी नुकसान

प्रकाशित 11/12/2023, 09:30 pm
गेहूं के व्यापारियों को सरकार की बदलती नीति से हो रहा है भारी नुकसान
ZW
-

iGrain India - नई दिल्ली । आगामी आम चुनाव को ध्यान में रखकर खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के नाम पर केन्द्र सरकार लगातार अपनी नीतियों में भारी बदलाव कर रही है और नए-नए नियमों तथा शर्तों को थोप रही है जिससे केवल खाद्यान्न बाजार में हमेशा अनिश्चितता का माहौल बना रहता है बल्कि व्यापारियों की जान भी सांसत में फंसी रहती है।

सरकार इतनी जल्दबाजी में निर्णय लेती है कि अधिकांश कारोबारियों को संभलने का मौका भी नहीं मिलता है। गेहूं बाजार की हालत लगातार अनिश्चित होती जा रही है। पिछले साल से ही गेहूं तथा इसके उत्पादों के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि चालू वर्ष के दौरान पहले इस पर भंडारण सीमा आदेश लागू किया गया और अब इस सीमा में भी भारी कटौती कर दी गई।

जिन व्यापारियों ने किसानों से ऊंचे दाम पर गेहूं खरीदा उसे अब काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वैसे भी खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकार ने अपने गेहूं के स्टॉक का दरवाजा पूरी तरह खोल दिया है। 

विधानसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में किसानों से 2,700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने का वादा किया गया था। इससे मिलर्स एवं व्यापारी वर्ग काफी आशंकित है।

यदि सरकार 2,700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदेगी तो किसान व्यापारियों को अपना माल तभी बेचेगा जब वह इसका ऊंचा दाम देने के लिए तैयार हो। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए 2,275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा है मगर मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के व्यापारियों को 2,750-2,800 रुपए प्रति क्विंटल पर इसे खरीदना होगा तथा अन्य व्यय को मिलाकर इसका पूरा खर्च 2,900-2,950 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच जाएगा।

ऐसी हालत में वहां व्यापारियों द्वारा 2,300-2,400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचने की कल्पना नहीं की जा सकती है। सरकार राशन में मुफ्त अनाज बांट रही हैं और ओएमएसएस में मिलर्स- प्रोसेसर्स को समूचे देश में सस्ते दाम पर गेहूं मुहैया करवा रही है।

केवल व्यापारियों पर वह शिकंजा कसती जा रही है जिससे कारोबार करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। सरकार को व्यापारियों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए।

गेहूं के साथ-साथ चावल, चीनी एवं दाल-दलहन तथा तेल-तिलहन के उद्योग-व्यापार को भी सरकार की नीति से भारी परेशानी हो रही है। समीक्षकों का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव तक सरकार का डंडा खाद्यान एवं खाद्य बाजार पर चलता रहेगा।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित