कोलकाता, 2 सितंबर (आईएएनएस)। कोलकाता के प्रतिष्ठित जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के रजिस्ट्रार स्नेहोमोनजू बसु को कथित तौर पर एक पत्र मिला है, जिसमें एक फ्रेशर की रैगिंग से संबंधित मौत के मुख्य आरोपी सौरव चौधरी को नुकसान पहुंचाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है।
बसु ने जेयू के रजिस्ट्रार और संयुक्त रजिस्ट्रार को संबोधित पत्र जादवपुर पुलिस को सौंप दिया है।
पता चला है कि पत्र भेजने वाले ने खुद को राणा रॉय बताया है, जो पेशे से प्रोफेसर हैं।
हालांकि, जेयू अधिकारियों ने पुलिस को पुष्टि की है कि विश्वविद्यालय के संकाय में राणा रॉय नाम का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं है। पुलिस ने इस तरह के धमकी भरे पत्र के स्रोत की जांच शुरू कर दी है।
गालियों के साथ शुरू पत्र में लिखा है, “सौरव जेयू का गौरव हैं। पुलिस ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत झूठा फंसाया । अगर उसे थोड़ा सा भी नुकसान होता है, तो आपको जिम्मेदारी लेनी होगी। इसके लिए रिवॉल्वर की एक गोली ही काफी होगी।''
10 अगस्त को नए छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार 13 लोगों में से सौरव पहला था। वह जेयू में गणित का पूर्व स्नातकोत्तर छात्र है।
प्रारंभिक जांच से यह साबित हो गया है कि वह न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों के छात्रावास में रैगिंग को संचालित करने का मुख्य आरोपी है, जहां 10 अगस्त को त्रासदी हुई थी, बल्कि उसने छात्रावास में आवास संबंधी प्रशासनिक निर्णय में भी हस्तक्षेप किया।
उसकी गिरफ्तारी के बाद सवाल उठे कि पूर्व छात्र हॉस्टल से संबंधित प्रशासनिक मामलों में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका कैसे निभा सकते हैं।
इस त्रासदी के बाद, जेयू अधिकारियों ने छात्रावास में महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों पर भी प्रतिबंध लगा दिए।
जेयू अधिकारियों ने नए या प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए छात्रावास को अलग करने की भी पहल की।
--आईएएनएस
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