नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। घरेलू इक्विटी सूचकांकों में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई, क्योंकि अमेरिका में 40 साल की उच्च मुद्रास्फीति रीडिंग ने बिकवाली शुरू कर दी।अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति से आगामी नीति समीक्षा बैठक में अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा और भी अधिक आक्रामक नीति के सख्त होने की संभावना है।
सोमवार की गिरावट के साथ, घरेलू सूचकांकों में पिछले सात सत्रों में से छह में गिरावट आई।
सेंसेक्स 1,456.74 अंक या 2.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,846.70 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 427.40 अंक या 2.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,774.40 अंक पर बंद हुआ।
ताजा संकेतों के लिए बाजार सहभागियों को मई के लिए भारत के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार होगा, जो बाद में सोमवार शाम को होने वाला है।
यूक्रेन में युद्ध के बीच उच्च ईंधन और खाद्य कीमतों के कारण भारत में खुदरा मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने केंद्रीय बैंक की 6 प्रतिशत ऊपरी सहनशीलता सीमा से ऊपर रही।
विश्लेषकों का मानना है कि मई में भी मुद्रास्फीति का रुझान 6 फीसदी से ऊपर रहा था।
आईसीआईसीआईडायरेक्ट के हेड रिसर्च, पंकज पांडे ने कहा, इक्विटी बाजार के दृष्टिकोण पर हमारा मानना है कि अस्थिरता निकट अवधि में बनी रह सकती है, हालिया गर्त दीर्घकालिक निवेशकों को स्थायी विकास दृश्यता के साथ गुणवत्ता वाली कंपनियों पर लोड करने का अवसर देता है।
इसके अलावा, घरेलू मुद्रा रुपया सोमवार को पहली बार 78 रुपये के स्तर को पार कर गया और प्रति अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया।
--आईएएनएस
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