पटना, 17 जुलाई (आईएएनएस)। जनता दल (यूनाइटेड) के एनडीए से बाहर होने के बाद बिहार में भाजपा लगातार संगठन को मजबूत करने में जुटी है। इस बीच महागठबंधन यानी विपक्षी दलों को एकजुट करने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास के बाद भाजपा भी अपने कुनबे को बढ़ाने में जुट गई है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी पहले से ही भाजपा के साथ गठबंधन में है। लेकिन, अब माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) की एंट्री भी एनडीए में लगभग तय हो गई है।
दिल्ली में 18 जुलाई को एनडीए की बैठक में चिराग और मांझी की पार्टी का भाग लेना तय माना जा रहा है। कुशवाहा के बैठक में जाने को लेकर सस्पेंस था, लेकिन कुशवाहा ने साफ कर दिया कि वे एनडीए की बैठक में जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
रालोजद के प्रमुख कुशवाहा ने ट्वीट कर साफ करते हुए कहा कि कुछ लोग अनावश्यक भ्रम न फैलाएं। मंगलवार को एनडीए की बैठक में शामिल रहूंगा। निमंत्रण कल ही मिल चुका है।
फिलहाल जो स्थिति बन रही, उसमे माना जा रहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास), रालोजपा, हम और रालोजद के साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि होने में देरी है। बिहार में एनडीए का मुकाबला विपक्षी महागठबंधन से है, जिसका नेतृत्व नीतीश और लालू कर रहे हैं।
इधर, इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कहते हैं कि एनडीए के सभी घटक दल बैठक में शामिल होंगे और 2024 के चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़ेगा और विजयी होगा। उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन पर कहा कि बिहार में इसे लेकर कोई फर्क नहीं पड़ता। ममता बनर्जी बिहार में कितना वोट दिलवा पाएंगी, शरद पवार महाराष्ट्र के नेता हैं। रही नीतीश कुमार की बात तो अब वे यहां कोई फैक्टर नहीं हैं।
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों को जिस तरह एकजुट करने के प्रयास में जुटे, भाजपा भी अपने कुनबे को जोड़ने में जुट गई। भाजपा इस कुनबे को बढ़ाने के जरिए जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश कर रही है।
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