नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने सोमवार को उन खबरों का खंडन किया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रतिबंध के बीच वह अपने वॉलेट कारोबार को बेचने के लिए कुछ इच्छुक निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है।इससे पहले आज रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि एचडीएफसी बैंक (NS:HDBK) और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज पेटीएम के वॉलेट व्यवसाय के लिए बोली लगाने वालों में सबसे आगे हैं।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने आईएएनएस को दिए एक बयान में कहा, "हम किसी भी बाजार अटकल पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।"
प्रवक्ता ने कहा, "हम पूरी तरह से नियामक के निर्देशों का पालन करते हैं और टीम का प्रयास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) द्वारा पेश किए गए उत्पादों के साथ एक सहज ग्राहक अनुभव सुनिश्चित करना है।"
इससे पहले, पेटीएम के संस्थापक एवं सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि कोई छंटनी नहीं होगी और कंपनी आरबीआई के साथ बातचीत कर रही है। इसके अलावा अन्य बैंकों के साथ साझेदारी के विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
शर्मा ने एक वर्चुअल टाउन हॉल के दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, “हम जल्द ही सब कुछ पता लगा लेंगे। हम यह देखने के लिए आरबीआई से संपर्क करेंगे कि क्या किया जा सकता है।”
बीएसई में सोमवार को पेटीएम के शेयर 10 फीसदी के लोअर सर्किट के साथ 438.35 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
पेटीएम के सहयोगी बैंक को आरबीआई के निर्देश के बाद ऐसी धारणा बन गई है कि कंपनी और उसके सहयोगी एक हैं।
हालाँकि, इस पर स्पष्टता देते हुए पेटीएम के अध्यक्ष और समूह सीएफओ मधुर देवड़ा ने कहा है कि डिजाइन और संरचना दोनों के मामले में फिनटेक कंपनी और उसके सहयोगी एक नहीं हैं और न ही हो सकते हैं।
देवड़ा ने कहा, "ऐसी धारणा हो सकती है कि पेटीएम और पेटीएम पेमेंट्स बैंक एक हैं, लेकिन डिजाइन और संरचना के हिसाब से ऐसा नहीं है और ऐसा नहीं हो सकता है। सबसे पहले यह एक सहयोगी कंपनी है और दूसरा इस अर्थ में एक सहयोगी कंपनी नहीं है कि यह एक बैंक है।''
उन्होंने कहा, "और एक बैंक के लिए सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे उस शासन का पालन करना होगा जिसका एक बैंक को पालन करना चाहिए, जिसका अर्थ है कि उसकी अपनी स्वतंत्र प्रबंधन टीम होनी चाहिए।''
पेटीएम के अध्यक्ष ने आगे कहा कि एक बैंक के पास स्वतंत्र अनुपालन और जोखिम टीमें भी होनी चाहिए।
--आईएएनएस
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