iGrain India - हैदराबाद । दक्षिण भारतीय राज्य- तेलंगाना इस वर्ष 4 से 6 जून तक आयोजित होने वाले ग्लोबल राइस सम्मिट 2024 की मेजबानी करेगा। यह पहला अवसर है जब तेलंगाना में वैश्विक चावल सम्मेलन का आयोजन होगा।
इस कार्यक्रम में 500 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है जिसमें निर्यातक विशेषज्ञ, अनुसंधानकर्ता एवं व्यापारी मिलर्स आदि भी शामिल हैं। भारतीय राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी भारी संख्या में प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
राज्य सरकार एक महत्वपूर्ण संकल्प पास करने वाली है जिसमें केन्द्र से चावल निर्यात की नीति में बदलाव करके प्रतिबंध को हटाने की मांग की जा सकती है।
गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल तथा 100 प्रतिशत टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लागू होने से तेलंगाना सहित कुछ अन्य राज्यों में अनेक अनुबंध लंबित पड़े हुए हैं।
इंटरनेशनल कॉमोडिटी इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी में इस सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। संस्थान के भारतीय प्रतिनिधि ने कार्यक्रम का विवरण देते हुए कहा कि भारत में हजारों किस्मों की श्रेणियों का धान चावल उपलब्ध रहता है जिसे दुनिया के अनेक देशों को चावल का निर्यात करना संभव हो रहा है।
अन्य देशों को इस बात की झलक दिखाना आवश्यक है कि भारत संसार में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश किस तरह बना हुआ है और इसमें तेलंगाना कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारत में निर्यात उद्देश्य के लिए सबसे महंगा और सबसे सस्ता चावल उपलब्ध रहता है। तेलंगाना देश के सबसे प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में शामिल है इसलिए आगामी सम्मेलन चावल के आयातकों- निर्यातकों के बीच आपसी संवाद के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म साबित होगा।
यह आयोजन अनेक नए अवसरों का द्वार खोलेगा और तेलंगाना को वैश्विक पटल पर चावल के एक अग्रणी उत्पादक एवं निर्यातक प्रान्त के रूप में पहचान दिलाएगा।