iGrain India - नई दिल्ली । पिछले सप्ताह फेडरेशन ऑफ इंडिया फार्मर एसोसिएशन्स (फाइफा) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक सेमीनार में महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की गई।
इसमें पिछले एक दशक के दौरान सरकार के प्रयासों एवं उसकी उपलब्धियों का विकल्प प्रस्तुत किया गया जिसमें कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि, किसान समर्थक योजनाएं और ई-नाम जैसी डिजीटल अग्रता आदि शामिल है।
इससे आगे रिपोर्ट में किसानों की आजीविका में निरन्तर बढ़ोत्तरी हेतु एक संकल्प पर विशेष जोर दिया गया है और भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकत अभी बताई गई है।
यह फेडरेशन 'न लाभ, न हानि वाला एक संगठन है जो लाखों किसानों तथा खेतिहर मजदूरों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक आदि राज्यों में खासकर गन्ना तथा कपास जैसी व्यावसायिक फसलों की खेती में संलग्न किसानों एवं श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए आवाज उठाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ इंडियाज एग्री कल्चर' शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में फेडरेशन ने कहा है कि भारतीय कृषि क्षेत्र एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौरा से गुजर रहा है और कृषि तथा सम्बद्ध क्षेत्रों की समेकित विकास दर को 4 प्रतिशत के आसपास रखने का हर संभव प्रयास किया जा रह रहा है। किसानों की आमदनी बढ़ाने की पूरी कोशिश की जा रही है।
पिछले 9 वर्षों की अवधि के दौरान कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में 300 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई और इसका सार्थक परिणाम भी सामने आ रहा है। पीएम किसान स्कीम से 11 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। समर्थन मूल्य पर दलहनों की खरीद में 7350 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।