नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा है कि प्रतिदिन 10 से 12 लाख लोग 'जन औषधि केंद्र' जाते हैं।राष्ट्रीय राजधानी में जन औषधि केंद्रों के लिए ऋण सहायता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने यह बात कही।
डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा, "किफायती और सुलभ दवाई किसी भी समाज की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी दवाओं को गरीबों के लिए संजीवनी बताया। 2014 में पहले जहां 80 जन औषधि केंद्र थे, तो वहीं आज इनकी संख्या बढ़कर 11 हजार हो गई है।"
उन्होंने कहा, "यह अनुमान जताया गया है कि प्रतिदिन 10 से 12 लाख लोग जन औषधि केंद्र जाते हैं, जहां उन्हें आवश्यक औषधि उपलब्ध कराई जाती है।"
अब सरकार ने इन केंद्रों को अगले दो सालों तक बढ़ाकर 25 हजार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वर्तमान में, केंद्र लगभग 2,000 प्रकार की दवाएं और 300 प्रकार के सर्जिकल उपकरण प्रदान करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन केंद्रों को कुशल बनाने के लिए सरकार ने खरीद प्रक्रिया को मजबूत बनाया है। उत्पाद श्रृंखला का विस्तार किया है। नियमित आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क बनाए रखा और साथ ही कड़ी गुणवत्ता जांच और नियंत्रण सुनिश्चित किया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार ने इन केंद्रों के संचालकों को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिसमें दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित ऑपरेटरों के लिए अतिरिक्त सहायता भी शामिल है।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया ने मंगलवार को दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
मंत्री ने कहा, "ये एमओयू जन औषधि केंद्रों के छोटे और नए उद्यमियों के लिए वरदान बनकर उभरेंगे।"
--आईएएनएस
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