iGrain India - मुम्बई । उद्योग-व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों ने 2023-24 के वर्तमान रबी सीजन के दौरान जीरा का घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़कर 90 लाख बोरी पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के कमजोर उत्पादन 50 लाख बोरी से काफी अधिक है।
इसका प्रमुख कारण जीरा का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 9 लाख हेक्टेयर से उछलकर 12 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंचता है। वैसे आम धारणा यह है कि जीरा का उत्पादन फरवरी-मार्च के मौसम पर निर्भर करेगा।
पिछले साल 60-65 लाख बोरी जीरा के उत्पादन का अनुमान लगाया गया था लेकिन मार्च में तेज तूफानी हवा के साथ बेमौसमी बारिश का प्रकोप रहने से फसल को काफी क्षति होने पर उत्पादन अनुमान को घटाकर 50-55 लाख बोरी नियत किया गया।
संतोष की बात यह रही कि जब प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप आरंभ हुआ तब तक गुजरात में जीरा की अधिकांश फसल की कटाई-तैयारी पूरी हो चुकी थी। लेकिन राजस्थान में इस प्रतिकूल मौसम से फसल प्रभावित हुई।
गुजरात और राजस्थान में काफी बढ़त के साथ जीरा की बिजाई समाप्त हो चुकी है और अब इसकी कटाई-तैयारी का समय नजदीक आ गया है।
गुजरात में कहीं-कहीं थोड़ी-बहुत मात्रा में नए जीरे की आवक होने लगी है लेकिन असली आवक फरवरी के तीसरे-चौथे सप्ताह से आरंभ होगी और इसके बाद मार्च में राजस्थान में भी नया जीरा तैयार होकर आने लगेगा।
यदि अगले सात-आठ सप्ताहों का मौसम अनुकूल रहा और किसी प्राकृतिक आपदा का प्रकोप नहीं आया तो जीरा का शानदार उत्पादन होना निश्चित है और बहुत संभव है कि उत्पादन का आंकड़ा 90 लाख बोरी से भी ऊपर पहुंच जाए।
वैसे लम्बे समय से अच्छी वर्षा नहीं होने के कारण गुजरात में कहीं-कहीं जीरा फसल की प्रगति में कुछ बाधा पड़ने की खबर मिल रही है लेकिन कुल मिलाकर फसल की हालत संतोषजनक बताई जा रही है।
जहां तक जीरा के भाव का सवाल है तो यह उत्पादन और निर्यात के समीकरण पर निर्भर करेगा। शानदार उत्पादन के कारण कीमतों में नरमी आने पर जीरा की निर्यात मांग तेजी से बढ़ेगी क्योंकि किसी भी अन्य निर्यातक देश के पास इसका ज्यादा स्टॉक नहीं है और बेहतर निर्यात प्रदर्शन के सहारे जीरा का भाव कुछ हद तक मजबूत रह सकता है।