नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। हिंदी फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के बीच में ही 13 जून 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में आग लग गई, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। यह देश की सबसे भयानक त्रासदियों में से एक थी।अराजकता के बीच मची भगदड़ के दौरान कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। एक जांच से पता चला कि सिनेमा हॉल के अधिकारियों ने अधिक सीटें जोड़ने के लिए निकास द्वारों को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे लोगों के लिए आग से बचने का कोई रास्ता नहीं बचा था।
अठारह साल बाद, बदकिस्मत सिनेमा हॉल के मालिकों - गोपाल अंसल और सुशील अंसल - को दिल्ली की एक अदालत ने दोषी ठहराया। उसी वर्ष अगस्त 2015 में, सुप्रीम कोर्ट ने अंसल को मुक्त होने की अनुमति दी और दोनों को 30 करोड़ रुपये का जुर्माना देने को कहा।
फरवरी 2017 में, शीर्ष अदालत ने 2:1 बहुमत के फैसले के माध्यम से 78 वर्षीय सुशील अंसल को उनकी उम्र से संबंधित जटिलताओं का हवाला देते हुए उन्हें जेल की सजा देकर राहत दी, जो उन्होंने पहले ही काट ली थी। हालांकि, कोर्ट ने उनके छोटे भाई गोपाल अंसल को शेष एक साल की जेल की सजा काटने को कहा।
हालांकि, त्रासदी के 24 साल बाद, अंसल बंधुओं को सबूतों से छेड़छाड़ मामले में 7 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने दोनों पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।
तब से दोनों भाई दिल्ली की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं और कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं।
दो महीने पहले, 21 फरवरी को, रियल एस्टेट बैरन को एक और बड़ा झटका लगा, क्योंकि कोर्ट ने 7 साल की जेल की अवधि को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
लेकिन इसके बाद भी उन्होंने फिर से अपील की है और मामला अभी भी चल रहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थानीय अदालत को 15 मई तक अपील की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था, जबकि अंसल ने और समय की मांग की थी।
कोर्ट के निर्देश पर स्थानीय कोर्ट दोपहर 2 से 4 बजे के बीच हर रोज मामले की सुनवाई कर रही है। हालांकि, एक बड़ा डवलपमेंट सामने आया है जो अंसल को अपनी अपील करने के लिए अधिक समय दे सकता है।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, कल से एक दिन पहले जब सुनवाई चल रही थी, न्यायाधीश को उनका स्थानांतरण आदेश मिला। अब उनका स्थानांतरण राउज एवेन्यू कोर्ट में कर दिया गया है।
अब जस्टिस अनिल की जगह नए जज जस्टिस हरजोत भल्ला आए हैं, जो अंसल की याचिका पर सुनवाई करेंगे। संभावना है कि अब 15 मई की तारीख बढ़ानी पड़ सकती है।
--आईएएनएस
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