नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। बजट पूर्व परामर्श के क्रम में व्यापार और सेवा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर उनके समक्ष व्यक्तिगत कर छूट और कटौती की सीमा में वृद्धि व निर्यात क्षेत्र के लिए अधिक समर्थन जैसी प्रमुख मांगें रखीं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) ने एक फंड बनाने और सस्ती दरों पर क्रेडिट की उपलब्धता की मांग की, साथ ही वित्तमंत्री से निर्यात को अधिक समर्थन देने का आग्रह किया, जो कम प्रतिस्पर्धी हो गए हैं, क्योंकि रुपये में लगातार गिरावट आई है, जबकि डॉलर मजबूत हुआ है।
इसने निर्यात क्षेत्र में नौकरियों के सृजन की भी मांग की, यह देखते हुए कि देश में नौकरी सृजन एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है और इसलिए सरकार को उन इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए जो निर्यात क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार प्रदान करती हैं। इसने कहा, इससे श्रमिकों को अनौपचारिक रोजगार से औपचारिक रोजगार में स्थानांतरित करने में मदद मिलेगी।
बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स (बीसीसी) ने विशेष रूप से स्थापित करदाताओं के लिए जीएसटी के तहत खोज और जब्ती संचालन पर दिशानिर्देशों को सुव्यवस्थित करने की मांग की।
बीसीसी की वित्तीय और कराधान मामलों की समिति के अध्यक्ष विवेक जालान ने वित्तमंत्री के सामने कुछ प्रमुख मांगें रखीं।
उद्योग मंडल ने कहा, बिक्री के बाद की छूट के कारण वाणिज्यिक क्रेडिट नोटों पर जीएसटी के प्रभाव पर एक बड़ा भ्रम है, जिसमें फील्ड अधिकारी वाणिज्यिक क्रेडिट नोट प्राप्त करने वालों से जीएसटी मांगते हैं। इसने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड से इस पर स्पष्टता मांगी।
बीसीसी ने जीएसटी के तहत विशेष रूप से स्थापित करदाताओं के लिए निरीक्षण, तलाशी और जब्ती कब शुरू की जा सकती है, इसके लिए दिशानिर्देश प्रदान करने के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रियाओं की भी मांग की।
इसने टीडीएस प्रमाणपत्र जारी करने की आवश्यकता को हटाकर और फॉर्म 26अर पर भरोसा करके निर्धारितियों पर अनुपालन बोझ में कमी की भी मांग की, जो एक स्वचालित प्रक्रिया है।
बैठक में सीतारमण के अलावा वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन और आर्थिक मामलों, सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन और राजस्व विभागों के सचिवों ने भी भाग लिया।
बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन भी मौजूद थे।
--आईएएनएस
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