नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)। अडानी समूह ने रविवार को कहा कि वह सभी लागू कानूनों और विनियमों का अनुपालन करता है।एक बयान में कहा गया, हम अपने सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए शासन के उच्चतम स्तर के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अडानी पोर्टफोलियो में बहुत मजबूत आंतरिक नियंत्रण और लेखापरीक्षा नियंत्रण भी हैं। अडानी पोर्टफोलियो की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के पास एक मजबूत गवर्नेस फ्रेमवर्क है। सूचीबद्ध कंपनियों में से प्रत्येक की लेखापरीक्षा समिति 100 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशकों से बनी है और इसकी अध्यक्षता एक स्वतंत्र निदेशक द्वारा की जाती है। सांविधिक लेखापरीक्षकों की नियुक्ति लेखापरीक्षा समिति द्वारा निदेशक मंडल को सिफारिश किए जाने पर ही की जाती है। अडानी पोर्टफोलियो कंपनियां वैश्विक बड़े 6 या क्षेत्रीय नेताओं को वैधानिक लेखा परीक्षकों के रूप में रखने की घोषित नीति का पालन करती हैं। अडानी पोर्टफोलियो और अदानी (NS:APSE) वर्टिकल्स का फोकस राष्ट्र निर्माण में योगदान देना और भारत को दुनिया में ले जाना है।
अडानी ग्रुप ने कहा, हम सभी उचित अधिकारियों के समक्ष अपने हितधारकों की सुरक्षा के लिए उपायों को आगे बढ़ाने के अपने अधिकारों का प्रयोग करेंगे और हम हिंडनबर्ग रिपोर्ट के किसी भी आरोप या सामग्री पर प्रतिक्रिया देने या इस बयान को पूरक करने के लिए अपने अधिकारों को सुरक्षित रखते हैं।
अडानी समूह ने रविवार को एक बयान में कहा कि वह 24 जनवरी, 2023 को मैडॉफ्स ऑफ मैनहट्टन - हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट को पढ़कर हैरान और परेशान है, जो एक झूठ के अलावा कुछ नहीं है।
बयान में कहा गया, दस्तावेज चुनिंदा गलत सूचनाओं का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है और एक गुप्त उद्देश्य को चलाने के लिए निराधार और बदनाम आरोपों से संबंधित छिपे हुए तथ्य हैं।
यह हितों के टकराव से व्याप्त है और केवल अनगिनत निवेशकों की कीमत पर गलत तरीके से बड़े पैमाने पर वित्तीय लाभ बुक करने के लिए हिंडनबर्ग, एक स्वीकृत लघु विक्रेता को सक्षम करने के लिए प्रतिभूतियों में एक झूठा बाजार बनाने का इरादा है।
यह बहुत ही चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक संस्था के बयानों ने हमारे निवेशकों पर गंभीर और अभूतपूर्व प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
रिपोर्ट में अंतर्निहित दुर्भावनापूर्ण मंशा इसके समय को देखते हुए स्पष्ट है, जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयरों की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश होगी। अडानी समूह ने कहा कि यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला है।
--आईएएनएस
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