बीजिंग, 28 जून (आईएएनएस)। एक शोधकर्ता ने दावा किया है कि घातक सार्स कोव-2, यानी कोविड-19 के वायरस को चीन द्वारा वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की प्रयोगशाला में जानबूझकर "जैव हथियार" के रूप में तैयार किया गया था। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी ई।जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक, चीनी मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक जेनिफर ज़ेंग द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार में शोधकर्ता चाओ शाओ ने दावा किया कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं को विभिन्न प्रजातियों के बीच फैलने वाला प्रभावी वायरस तैयार करने का काम सौंपा गया था।
उन्हाेंने एक अन्य शोधकर्ता से जुड़ी एक घटना भी साझा की, जिसने चार स्ट्रेन तैयार किए जाने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की मनुष्यों सहित कई प्रजातियों को संक्रमित करने की सबसे बड़ी क्षमता का किसी वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा परीक्षण कराया गया।
चाओ शाओ ने उल्लेख किया कि वुहान में आयोजित 2019 सैन्य विश्व खेलों के दौरान एथलीटों के स्वास्थ्य या स्वच्छता स्थितियों की जांच के बहाने उनके कई सहयोगियों को होटलों में भेजा गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, चाओ शाओ को संदेह था कि वे संभावित रूप से वायरस के प्रसार में शामिल थे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह जानकारी पूरी पहेली का केवल एक अंश मात्र है। महामारी की असली उत्पत्ति, जिसने 70 लाख लोगों की जान ले ली है, दुनिया भर में जांच का विषय बना हुआ है।
अमेरिकी सरकार द्वारा हाल ही में सार्वजनिक की गई नई ख़ुफ़िया रिपोर्ट से ये खुलासे हुए हैं, लेकिन कोविड-19 की उत्पत्ति लैब लीक का परिणाम थी या किसी संक्रमित जानवर से वायरस लोगों में आया था, इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय से जारी अवर्गीकृत रिपोर्ट में कहा गया है, “सभी एजेंसियां यह आकलन करना जारी रखेे हुई हैं कि प्राकृतिक और दोनों प्रयोगशाला से जुड़ी उत्पत्ति को समझाने के लिए परिकल्पनाएं बनी हुई हैं।महत्वपूर्ण बात यह है कि लगभग सभी ख़ुफ़िया एजेंसियों का आकलन है कि सार्स-कोव-2 था आनुवंशिक रूप से इंजीनियर नहीं किया गया।"
“अधिकांश एजेंसियों का आकलन है कि सार्स-कोव-2 प्रयोगशाला-अनुकूलित नहीं था और वे निर्णय लेने में असमर्थ हैं। सभी ख़ुफ़िया एजेंसियों का आकलन है कि सार्स-कोव-2 को जैविक हथियार के रूप में विकसित नहीं किया गया था।”
रिपोर्ट में प्रयोगशाला में किए गए शोध को स्वीकार किया गया, जिसमें पशु नमूनाकरण और आनुवंशिक विश्लेषण ये भी शामिल हैं। रिपोर्ट
कहा गया, “हमें डब्ल्यूआईवी के महामारी-पूर्व अनुसंधान का कोई संकेत नहीं मिला है। होल्डिंग्स में सार्स-कोव-2 या कोई करीबी पूर्वज शामिल नहीं है, न ही कोई प्रत्यक्ष प्रमाण है कि उस महामारी से पहले डब्ल्यूआईवी कर्मियों से जुड़ी एक विशिष्ट अनुसंधान संबंधी घटना घटी, जो कोविड महामारी का कारण बनी।''
–आईएएनएस
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