चेन्नई, 2 जुलाई (आईएएनएस)। मद्रास उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के एक समूह ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि को हटाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है।
वकीलों ने पत्र में लिखा कि राज्यपाल को वापस नहीं बुलाने से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जायेगी। पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल ने भारत के संविधान में उल्लिखित किसी भी शक्ति के बिना तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया।
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि राज्यपाल खुद को चुनी हुई सरकार के वैकल्पिक शक्ति केंद्र के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अच्छा नहीं है। उन्होंने उल्लेख किया कि संविधान के अनुच्छेद 164 (!) के तहत राज्यपाल अपने विवेक से कार्य नहीं कर सकते। वह मुख्यमंत्री की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्यपाल द्वारा सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करना संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि और स्टालिन सरकार टकराव की राह पर हैं। दोनोंं के बीच अक्सर सार्वजनिक झगड़े होते रहे हैं।
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