कोलकाता, 4 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को कर्सियांग से भाजपा विधायक बिष्णु प्रसाद शर्मा ने अलग गोरखालैंड राज्य के पक्ष में अपनी आवाज उठाई।बंगाल विधानसभा का सत्र दिन में जैसे ही शुरू हुआ, बिष्णु प्रसाद शर्मा ने दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कर्सियांग के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ ही उत्तरी बंगाल के तराई और डुआर्स क्षेत्रों के मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों को काटकर प्रस्तावित अलग राज्य के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए। यहां तक कि वह विधानसभा परिसर के फर्श पर भी बैठ गए और नारे लगाते रहे।
पत्रकारों से बात करते हुए विधायक ने कहा कि नई दिल्ली में इस मुद्दे पर रोजाना कई संगठन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। पहाड़ के एक निवासी ने दार्जिलिंग के जिला मजिस्ट्रेट को आमरण अनशन आंदोलन करने के लिए अनुमति देने से जुड़ा पत्र दिया है। इस स्थिति में मैं इस मुद्दे से अलग नहीं रह सकता। मैंने इस मुद्दे पर कायम रहने का फैसला किया है।
बिष्णु प्रसाद शर्मा ने हाल में संपन्न पंचायत चुनावों में पहाड़ी नतीजों के लिए भाजपा के राज्य नेतृत्व के खिलाफ अपना असंतोष भी व्यक्त किया था। उन्होंने बिना नाम लिए परोक्ष रूप से अपनी पार्टी और उसके सहयोगियों के खराब नतीजों के लिए दार्जिलिंग से भाजपा के लोकसभा सदस्य राजू सिंह बिस्ता को जिम्मेदार ठहराया था। यहां तक कि उन्होंने राजू सिंह बिस्ता को 'बाहरी' तक कह डाला था।
उन्होंने कहा था कि हाल के ग्रामीण निकाय चुनावों में पहाड़ों में पार्टी और उसके सहयोगियों के खराब नतीजे बाहरी लोगों के एक वर्ग के झूठे वादों के कारण है। जिन्हें पहाड़ी इलाकों के लोगों पर थोप दिया गया था। उनके झूठे वादों से पहाड़ के लोगों के बीच पार्टी की छवि खराब हुई है। इसी कारण मैं ग्रामीण नगर निकाय चुनावों में भाग लेना नहीं चाहता था।
विधायक ने यह भी दावा किया था कि पहाड़ में स्थायी राजनीतिक समाधान को लेकर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पर्याप्त पहल नहीं की गयी है। उन्होंने कहा था किपहाड़ियों में स्थायी राजनीतिक समाधान लगातार चुनावों में हमारी पार्टी का प्रमुख वादा था। वह वादा अभी पूरा होना बाकी है।
--आईएएनएस
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