iGrain India - ब्रिसबेन । हालांकि साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में मसूर की नई फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी मध्य सितम्बर में ही आरंभ हो गई थी और ट्रकों में उसे भरकर कंटेनर पैकिंग तथा बल्क भंडारण स्थलों पर पहुंचाने की प्रक्रिया भी पहले ही शुरू हो चुकी है लेकिन विटेरा कम्पनी ने चालू सप्ताह के दौरान फसल कटाई की अपनी पहली साप्ताहिक रिपोर्ट जारी की है। उल्लेखनीय है कि विटेरा कम्पनी साउथ ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में मसूर की प्रमुख कारोबारी फर्म है।
बंदरगाह डिलीवरी के लिए मसूर का दाम बढ़कर 1000 डॉलर प्रति टन के करीब पहुंच गया है जो अगस्त के अंत में प्रचलित मूल्य से 100 डॉलर प्रति टन ज्यादा है।
विश्लेषकों के मुताबिक नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होने के बावजूद मसूर के दाम में गिरावट आने की संभावना बहुत कम है। इसका प्रमुख कारण कनाडा में सूखे की वजह से मसूर के उत्पादन में भारी गिरावट आना है।
उल्लेखनीय है कि मसूर के वैश्विक निर्यात बाजार में कनाडा ही ऑस्ट्रेलिया का सबसे प्रमुख प्रतिद्वंदी है। मसूर के सबसे बड़े आयातक देश- भारत का कनाडा के साथ रिश्ता कमजोर पड़ने लगा है जिससे ऑस्ट्रेलियाई मसूर की खरीद के प्रति भारतीय आयातकों की दिलचस्पी एवं सक्रियता बढ़ने की संभावना है।
कनाडा से भारत को मसूर की बिक्री बहुत धीमी गति से हो रही है और वहां केवल पुराने सौदों को ही निपटाने की प्रक्रिया चल रहा है जबकि भारतीय आयातक कोई नया अनुबंध करने से हिचक रहे हैं।
सरकारी एजेंसी- अबारेस ने चालू सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 12 लाख टन मसूर के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है जो उद्योग-व्यापार क्षेत्र के अनुमान के अनुकूल ही है।
साउथ ऑस्ट्रेलिया का पॉर्क प्रायद्वीप तथा विक्टोरिया प्रान्त का विम्मेरा क्षेत्र ऑस्ट्रेलिया में मसूर का दो सबसे अग्रणी उत्पादक इलाका है। इन दोनों ही क्षेत्रों में इस बार मौसम की हालत काफी हद तक अनुकूल रही जिससे वहां मसूर के बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। पॉर्क प्रायद्वीप में अक्टूबर के अंत तथा विम्मेरा क्षेत्र में नवम्बर के आरंभ में मसूर फसल की कटाई शुरू होने की संभावना है।