iGrain India - मुम्बई । अफ्रीकी देशों में अत्यन्त सीमित स्टॉक होने के कारण भारत में फिलहाल मुख्यत: म्यांमार से अरहर (तुवर) का आयात हो रहा है और वहां से भी इसके शिपमेंट की गति धीमी तथा मात्रा कम देखी जा रही है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2023 के दौरान देश में तुवर का कुल आयात बढ़कर 1.47 लाख टन के करीब पहुंच गया जो वर्ष 2022 की समान अवधि में 77 हजार टन, 2021 में 39 हजार टन, 2020 में 70 हजार टन तथा 2019 की इसी अवधि में 1.08 लाख टन रहा था।
चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल में 83 हजार टन तुवर का आयात हुआ जो मई में घटकर 38 हजार टन तथा जून में गिरकर 25 हजार टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
ज्ञात हो कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान तुवर का आयात अप्रैल 2022 में 55 हजार टन, मई में 7 हजार टन, जून में 15 हजार टन, जुलाई में 7 हजार टन अगस्त में 23 हजार टन, सितम्बर में 50 हजार टन, अक्टूबर में 1.10 लाख टन, नवम्बर में 1.66 लाख टन, दिसम्बर में 2.02 लाख टन, जनवरी 2023 में 97 हजार टन, फरवरी में 92 हजार टन तथा मार्च में 72 हजार टन सहित कुल 8.95 लाख टन पर पहुंच गया था।
इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 की सम्पूर्ण अवधि में 8.40 लाख टन, 2020-21 में 4.43 लाख टन तथा 2019-20 में 4.50 लाख टन तुवर का आयात हुआ था।
अगले महीने से अफ्रीकी देशों में अरहर की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ होने वाली है और इसके बाद भारत में इसका आयात तेजी से बढ़ने लगेगा।
आमतौर पर अगस्त से लेकर मार्च तक की अवधि के दौरान भारत में तुवर का आयात बड़े पैमाने पर होता है और इस बार भी ऐसा ही होना चाहिए।
वैसे अफ्रीकी देशों में चालू वर्ष के दौरान फसल कुछ कमजोर बताई जा रही है। म्यांमार के उत्पादकों एवं निर्यातकों को भी आगामी महीनों के दौरान सक्रियता बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी क्योंकि अफ्रीका से माल का आयात बढ़ने पर भारत में तुवर की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने तथा कीमतों में कुछ नरमी आने की संभावना है।