कोलकाता, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुर्गा पूजा के अंत में मूर्ति विसर्जन का समय आने के साथ ही उदासी का माहौल हो गया है, वहीं पश्चिम बंगाल में महिलाओं ने मंगलवार को विजयदशमी के अवसर पर देवी दुर्गा को सिंदूर, पान के पत्ते और मिठाई के साथ विदाई दी। परंपरा के अनुसार, ज्यादातर लाल और सफेद साड़ी पहने हुईं महिलाओं ने सबसे पहले देवी दुर्गा के चेहरे को पान के पत्ते से ढका, मूर्तियों के माथे सिंदूर लगाया और अंत में मूर्तियों के होठों पर मिठाइयां लगाईं। इसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर खुशी मनाई।
सिंदूर खेला अनुष्ठान के पीछे के तर्क को समझाते हुए एक गृहिणी डोलोन सेनगुप्ता ने कहा कि बंगालियों के लिए, दुर्गा केवल एक देवी नहीं हैं, जो बुराई को नष्ट करती हैं।वह घर में एक बेटी की तरह होती हैं, जो दशमी के दिन अपनी ससुराल चली जाती हैं। हमारे लिए दुर्गा पूजा के ये चार दिन बेटी के ससुराल से हमारे घर आने के अवसर होते हैं।
अब वह एक साल के लिए अपनी ससुराल वापस जा रही हैं, इसलिए हमने उन्हें अनुष्ठानों के माध्यम से विदाई दी। इस बीच, कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में 34 विसर्जन घाटों और 40 झीलों और कृत्रिम जलाशयों पर मंगलवार दोपहर से विसर्जन प्रक्रिया शुरू हुई।
विसर्जन प्रक्रिया कोलकाता पुलिस, आपदा प्रबंधन विभाग, कोलकाता नगर निगम और नदी यातायात गार्ड द्वारा संयुक्त रूप से व्यापक सुरक्षा घेरे में आयोजित की गई जा रही है।
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा, ''इस वर्ष निगम और शहर पुलिस के बीच बेहतरीन समन्वय रहा है। यही क्रम अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा, जब तक आखिरी मूर्ति विसर्जित नहीं हो जाती।''
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