iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार का कहना है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत जून के अंतिम सप्ताह से गेहूं तथा जुलाई के प्रथम सप्ताह से चावल की ई-नीलामी शुरू होने के बावजूद पिछले महीने इन दोनों महत्वपूर्ण अनाज का खुदरा बाजार भाव ऊंचा रहा।
जुलाई में औसत खुदरा मूल्य गेहूं का 29.59 रुपए प्रति किलो तथा चावल का 40.82 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया। केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री के अनुसार चावल तथा गेहूं के खुदरा मूल्य में नियमित रूप से परिवर्तन हो रहा है और सरकार इसकी कीमतों पर गहरी नजर रखे हुए हैं।
मंत्री के मुताबिक गेहूं का औसत खुदरा मूल्य जनवरी में 31.58 रुपए प्रति किलो था जो मई में घटकर 28.74 रुपए प्रति किलो पर आया लेकिन जुलाई में पुनः बढ़कर 29.59 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया। इसी तरह चावल का औसत खुदरा मूल्य भी जनवरी के 38.09 रुपए प्रति किलो से बढ़कर जुलाई में 40.82 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
खाद्य राज्य मंत्री के अनुसार सरकार ने आवश्यक खाद्य उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों को स्थिर रखने के लिए समय-समय पर अनेक कदम उठाए हैं जिसमें केन्द्रीय पूल से ओएमएसएस के तहत गेहूं एवं चावल की बिक्री शुरू करना, गेहूं एवं इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध तथा गेहूं पर भंडारण सीमा लगाना, विभिन्न फर्मों द्वारा घोषित स्टॉक की निगरानी करना तथा चावल की कुछ किस्मों का निर्यात बंद करना आदि शामिल है।
एक अन्य मंत्री के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान चावल के दाम में 10.5 प्रतिशत, गेहूं के मूल्य में 5.2 प्रतिशत तथा आटा के भाव में 8.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
सरकारी प्रयासों के बावजूद खाद्यान्न की कीमतों में तेजी का रुख बरकरार होने से आम लोगों की कठिनाई बढ़ गई है जो पहले से ही भीषण महंगाई की मार झेल रहे हैं।