हैदराबाद, 30 जून (आईएएनएस)। अंदरूनी कलह का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तेलंगाना नेता और पूर्व सांसद ए.पी. जितेंद्र रेड्डी के एक ट्वीट से पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है।उन्होंने एक व्यक्ति द्वारा याक को पिकअप ट्रक में चढ़ने के लिए मजबूर करने के लिए उसके पिछवाड़े पर लात मारने का वीडियो साझा करके विवाद खड़ा कर दिया।
जितेंद्र रेड्डी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा महासचिव बी.एल. संतोष और भाजपा को टैग करते हुए लिखा, "भाजपा तेलंगाना नेतृत्व के साथ ऐसा बर्ताव आवश्यक है।"
जैसे ही उनका ट्वीट वायरल हुआ तो पूर्व सांसद ने इसे डिलीट कर दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे दोबारा पोस्ट किया लेकिन साथ में एक और ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट किया कि उनका मतलब था कि राज्य भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए।
उन्होंने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री केसीआर के समर्थकों को उनके ट्वीट को गलत समझने के लिए आड़े हाथों लिया। हालाँकि, वरिष्ठ नेता के स्पष्टीकरण से पहले ही नुकसान हो चुका था। इससे विवाद खड़ा हो गया और ऐसे समय में नेतृत्व को शर्मिंदा होना पड़ा जब पार्टी आंतरिक कलह का सामना कर रही है।
प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों ने इसका इस्तेमाल भाजपा पर मज़ाक उड़ाने के लिए किया। कुछ नेटिज़न्स ने यह भी टिप्पणी की कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा को यही व्यवहार मिलेगा।
बंदी संजय की कार्यशैली से नाखुश भाजपा विधायक एटाला राजेंदर ने शुक्रवार को जीतेंद्र रेड्डी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि किसी को दूसरों की स्वतंत्रता का अनादर या उल्लंघन करने वाला व्यवहार नहीं करना चाहिए। संजय के नेतृत्व पर सवाल उठाने के बाद हाल ही में भाजपा नेतृत्व द्वारा दिल्ली बुलाए गए राजेंद्र ने कहा, "उनसे पूछें कि (इस ट्वीट के माध्यम से) वह क्या संदेश देनेा चाहते हैं, लेकिन जो परिपक्व और अनुभवी हैं उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।"
विवादास्पद ट्वीट के कुछ घंटों बाद जितेंदर रेड्डी वानापर्थी जिले के आत्मकुर मंडल मुख्यालय में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में बंदी संजय के साथ मंच पर नजर आए।
बंदी संजय ने आरोप लगाया कि केसीआर मीडिया में कहानियां फैलाकर भगवा पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीआरएस नेता लोगों के मन में यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा के राज्य नेतृत्व में मतभेद हैं।
जितेंद्र रेड्डी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, तेलंगाना राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि यह भाजपा की राज्य इकाई के भीतर आंतरिक कलह की तुलना करने और लोगों को समझाने का एक शानदार तरीका था।
जाहिर तौर पर इस ट्वीट से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की फायर फाइटिंग की कोशिश को बड़ा झटका लगा है। पिछले सप्ताह, इसने राजेंद्र और पूर्व विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी को तलब किया था, जो खुले तौर पर संजय के नेतृत्व की आलोचना कर रहे थे। एक और भाजपा विधायक रघुनंदन राव भी संजय से नाखुश बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
कुछ दिन पहले भाजपा महासचिव और तेलंगाना प्रभारी तरुण चुघ ने पार्टी नेतृत्व में बदलाव से इनकार किया था।
संजय ने भी नेतृत्व में आसन्न बदलाव की खबरों का खंडन किया था और आरोप लगाया था कि केसीआर भाजपा की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं।
पड़ोसी राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भाजपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी नेताओं के एक वर्ग ने संजय की कार्यशैली में खामियां निकालते हुए खुलेआम अपने विचार रखे। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की भी मांग की। भगवा पार्टी, जो कुछ सप्ताह पहले तक आक्रामक थी और सत्ता हासिल करने को लेकर आश्वस्त थी, अंदरूनी कलह से परेशान हो गई। जितेंद्र के ट्वीट और उस पर प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि अंदरूनी कलह तेज हो सकती है, जिससे चुनाव से पहले पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
--आईएएनएस
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