नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया है, जिसने दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-I इलाके में 90 वर्षीय मृत डॉक्टर की 10 करोड़ रुपये की संपत्ति कथित तौर पर जब्त कर ली थी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।आरोपी की पहचान रोहित चौधरी के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, 59 वर्षीय बिंदू शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके चाचा लेफ्टिनेंट कृष्ण गोपाल दुआ की योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर दी गई थी।
पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) सुरेंद्र ने कहा, "कथित व्यक्तियों सुनील चौधरी, रोहित चौधरी और प्रिंस चौधरी ने अन्य के साथ मिलकर दुआ की करोड़ों रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए धोखाधड़ी और जालसाजी की।"
2017 में उसके चाचा ने प्रिंस को अपने केयरटेकर के रूप में काम पर रखा था, जिसने बाद में अपने भाई रोहित चौधरी को ड्राइवर के रूप में पेश किया।
डीसीपी ने कहा, "उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण उनके चाचा 2015 से पूरी तरह से बिस्तर पर थे। दुआ के निधन के तुरंत बाद उनके नौकर प्रिंस चौधरी ने उनके पक्ष में ग्रेटर कैलाश-1 में संपत्ति के जीपीए (जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी) की एक फोटोकॉपी पेश की। यह दस्तावेज़ कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में उप-रजिस्ट्रार कार्यालय में निष्पादित किया गया था।''
डीसीपी ने स्पष्ट किया, इसके बाद रोहित और प्रिंस ने संपत्ति अपने पिता रविंदर चौधरी को 1.10 करोड़ रुपये में बेच दी और बिक्री विलेख के साथ 2 मई, 2019 को हौज़ खास स्थित पंजीकरण प्राधिकरण में रजिस्ट्री करबा ली।
यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने दुआ के नाम पर आईसीआईसीआई बैंक (NS:ICBK), मोदी नगर, गाजियाबाद, यूपी में एक फर्जी खाता स्थापित किया था।
पुलिस के अनुसार, दुआ की अधिक उम्र का फायदा उठाते हुए, आरोपी ने एक जीपीए और वसीयत बनाई, जबकि मृतक के जाली हस्ताक्षर का उपयोग करके मोदीनगर, गाजियाबाद, यूपी में आईसीआईसीआई बैंक में एक संयुक्त बैंक खाता भी खोला।
डीसीपी ने बताया, "उन्होंने मृतक की संपत्ति अपने पिता रविंदर कुमार और सुनील चौधरी नामक एक सहयोगी को हस्तांतरित कर दी।"
रोहित चौधरी को 2 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि अन्य आरोपी व्यक्तियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
--आईएएनएस
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