iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने एक नेशनल टर्मरिक बोर्ड (एनबीटी) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हल्दी के स्वस्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुण के फायदों के बारे में लोगों को जानकारी देने एवं जागरूक बनाने, इसकी मांग एवं खपत को बढ़ाने तथा वर्ष 2030 तक इसका निर्यात बढ़ाकर 1 अरब डॉलर तक पहुंचाने हेतु नए बाजारों की तलाश एवं विकास करने के उद्देश्य से इस नेशनल टर्मरिक बोर्ड का गठन किया गया है।
समूचे संसार में हल्दी के स्वास्थ्यप्रद गुणों एवं औषधीय फायदों के बारे में लोगों को जानकारी मिल रही है जिससे इसके उपयोग के प्रति दिलचस्पी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके फलस्वरूप हल्दी में निर्यात संवर्धन की पर्याप्त गुंजाईश है और इसके लिए बेहतर प्रयास की जरूरत है।
हल्दी से नए-नए उत्पादों के निर्माण के लिए अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है जिसमें एनटीबी काफी मददगार साबित होगा मूल्य संवर्धित हल्दी उत्पादों के निर्माण में भारत के परम्परागत ज्ञान का उपयोग बढ़ाने में भी इससे सहायता मिलेगी। एनटीबी हल्दी विकास के लिए काफी उम्मीदें की जा रही हैं।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारत दुनिया में हल्दी का सबसे प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है।
वैश्विक कारोबार में इसकी भागीदारी 62 प्रतिशत के करीब रहती है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत से 380 से अधिक निर्यातकों द्वारा 2074.50 लाख डॉलर मूल्य के 1.534 लाख टन हल्दी एवं इसके उत्पादों का निर्यात दुनिया के विभिन्न देशों को किया गया जिसमें बांग्ला देश, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), अमरीका एवं मलेशिया आदि शामिल थे।
अब बोर्ड द्वारा निर्यात केन्द्रित गतिविधियां जोर शोर से आरंभ की जाएगी इसलिए उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2030 तक हल्दी एवं इसके उत्पादों का कुल निर्यात 1 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
विज्ञप्ति के अनुसार टर्मरिक बोर्ड खासतौर से हल्दी उत्पादकों के क्षमता निर्माण एवं कौशल विकास पर ध्यान केन्द्रित करेगा और क्वालिटी तथा खाद्य सुरक्षा मानकों पर विशेष जोर देगा।
नेशनल टर्मरिक बोर्ड (एनटीबी) में केन्द्र द्वारा नियुक्त एक चैयरपर्सन होगा जबकि इसके सदस्यों में आयुष मंत्रालय, फार्मास्युटिकल्स विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें तीन राज्यों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी या प्रतिनिधि भी होंगे जिसका चुनाव रोटेशन के आधार पर किया जाएगा।