जम्मू, 9 फरवरी (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार से जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से हथियार और ड्रग्स गिराना एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गया है, ऐसे में संशोधित सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) का सख्ती से पालन इस खतरे को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।जीएफआर 2017 के नियम 144 में सार्वजनिक खरीद के मौलिक सिद्धांत नामक उप-नियम (7) को शामिल करके संशोधन किया गया है। इसमें लिखा है, इन नियमों में निहित कुछ भी होने के बावजूद, व्यय विभाग, लिखित आदेश द्वारा, प्रतिबंधों को लागू कर सकता है। इसमें भारत की रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा सहित प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित मामलों के आधार पर किसी देश या देशों से खरीद पर पूर्व पंजीकरण या स्क्रीनिंग, ऐसे प्रतिबंधों के उल्लंघन में कोई खरीद नहीं की जाएगी।
इस संशोधन के बड़े निहितार्थ का मतलब है कि किसी भी ठेकेदार को उप-अनुबंध कार्यों की अनुमति नहीं है।
संशोधित नियम पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान, म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से आयात होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा।
अमेरिका पर ड्रोन और चीनी गुब्बारों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने से जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी खामी सामने आ गई है।
विदेशी सामानों का एक बड़ा और अनियंत्रित उछाल है, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में।
विशेषज्ञों को डर है कि सेल (NS:SAIL) फोन और अन्य उपकरणों जैसी वस्तुओं में कोई भी अ²श्य चिप ड्रोन या जासूसी गुब्बारों और पड़ोसी देशों के उपग्रहों द्वारा उठाई जाने वाली सूचनाओं को रिले कर सकती है।
यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के कवच में एक बड़ी बाधा है। बोली लगाने वाले की देनदारी अंतत: उप-अनुबंधों के माध्यम से गायब हो जाएगी, क्योंकि जीएफआर में कोई ठोस जांच और संतुलन उपलब्ध नहीं है।
संशोधित नियम में प्रावधान है कि बोलीदाताओं से इस आदेश के अनुपालन के संबंध में निविदा दस्तावेजों में एक प्रमाण पत्र लिया जाएगा।
इस विषय पर एक विशेषज्ञ ने कहा, अगर किसी बोलीदाता द्वारा दिया गया ऐसा प्रमाण पत्र जिसकी बोली स्वीकार की जाती है, गलत पाया जाता है, तो यह तत्काल समाप्ति और कानून के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई का आधार होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह महत्वपूर्ण जानकारी के किसी भी रिले को पूरी तरह से बाधित कर सकता है।
जम्मू-कश्मीर जैसे उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र के संदर्भ में, संशोधित जीएफआर का कड़ाई से अनुपालन राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे से बचाने का एकमात्र तरीका है।
--आईएएनएस
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